Friday, July 12, 2013

प्राण साहब हमारे बीच नहीं रहे

प्राण साहब हमारे बीच नहीं रहे 

प्राण एक ऐसा नाम है जो सुनते साथ ही आती प्रथिभाशील नायक , खलनायक और करैक्टर आर्टिस्ट के रूप में आँखों के सामने उनका निभाया हुआ किरदार सामने आ जाता है। पड़ने गए पाकिस्तान, हीरो बनके लौटे। उनकी समहज , किरदार में अपने आप को पूरा ढाल देना, इससे उनका कोई भी निभाया हुआ किरदार जीवंत हो उठता था। उनका सिगार / सिगरेट पिने का स्टाइल आज तक कोई कॉपी नहीं कर पाया। उनका  डायलॉग बोलने का अंदाज़ ही निराला था। उन्हें फिल्म जगत के सर्वोच्चो सम्मान -दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाज़ा गया साथ ही हमारे भारत देश की सर्कार उन्हें पद्मबिभुशन से नवाज़ा।



उनका किरदार शेर खान -जंजीर , जेलर -कालिया , शराबी फिल्म में अमिताभ के पिता का किरदार ,
माइकेल -मजबूर , अमर अकबर अन्थोनी में पिता एवं डॉन का किरदार, डॉन फिल्म में एक लंगड़े का किरदार , ऐसे अनगिनत किरदार हैं जो उनहोंने फिल्मो में निभाई है जिसे कोई भी भुला नहीं सकता। आज भी उनके निभाए हुए किरदार आँखों के सामने तैरते हैं .

एक महान शकशियत  , महान अभिनेता और सबसे बड़ी बात एक महान -सरल-व्यक्तित्व , प्राण साहब, जिन्हें हम आज खो दिए। प्राण साहब हमेशा हमारे दिल में रहेंगे और उनका निभाया हुआ किरदार हमेशा जीवंत रहेगा।

अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना रायपुर की तरफ से प्राण साहब को श्रधांजलि , नमन। परमात्मा उनके आत्मा को शांति दे।

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