Sunday, February 24, 2013

RAJIM-KUMBH-25 feb-10 march-2013

25 फरवरी से 10 मार्च 2013 तक राजिम खुम्भ का भव्य आयोजन /.

प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजिम कुम्भ का भव्य आयोजन किया जा रहा है /. छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के हाथों में इस आयोजन का पूरा बागडोर है चूँकि उनके पास धार्मिक न्यास का पूर्ण प्रभार भी है / यह आयोजन 25फरवरी माघी पूर्णिमा के दिन से शुरू होगा और 10 मार्च तक चलेगा / इस महा कुम्भ में देश के लाखों साधू -संतो का वृहद् समागम होगा /

राजिम कुम्भ का शुभारम्भ छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक के हातों होगा तथा इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे / मुख्य मंच पर संत आसाराम बापू तथा अनंत विभूषित वैष्णवाचार्य मथुरेश्वर महाराज विराजमान रहेंगे /. संस्कृति तथा पर्यटन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने सख्त निर्देश दिए हैं की कार्यक्रम में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए तथा सब व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए /. गिरीश बिस्सा जो विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी हैं उनहोंने पूरा जोर कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु तन-मन लगा दिया है साथ में जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी , संसद , विधायक , जिला पंचायत के अध्यक्ष सहित समस्त अधिकारी राजिम कुम्भ को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग दे रहे हैं /.

इस भव्य कुम्भ में 500 से अधिक जवानों की ड्यूटी लगाई गयी है /.निरिक्षण करने आये दुर्ग रेंज के आईजी श्री अशोक जुनेजा सुरक्षा का जाएजा  ले रहें हैं और उनहोंने कहा की 15 दिनों तक चलने वाली इस मेले में 24 घंटे जवान तैनात रहेंगे/.हर तरफ पुलिस की निगरानी होगी /महोत्सव के पहले दिन श्लोक वाचन , पद्माश्री पुनाराम निषाद का पंडवानी गायन तथा अनेक कार्यक्रम होंगे /.नवापारा -राजिम के राइस मिल एसोसिएशन द्वारा पुरे 15 दिनों तक भंडारा का आयोजन भी होगा /.

राजिम कुम्भ इसलिए भी विख्यात है क्यूँ की यहाँ तीन नदियाँ एक जगह मिलती है जिसे हम त्रिवेणी संगम कहते हैं/.

Dr Raman Singh-2013-2014-Budget

डॉ रमन के अपने कार्यकाल का अंतिम बजट 






2 3 फरवरी २ ० १ ३  को छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा में रमन सिंह ने अपने अंतिम कार्यकाल की बजट पेश किया . / इस साल उनहोंने 4 4 0 0 0  करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया और 1 7 0 0 0 /- करोड़  का ब्रहमास्त्र छोड़ा है / ग्यारह प्रमुख विभागों हेतु उनहोंने 3 4 0 2 1 करोड़ का प्रावधान रखा है /. इस में सर्वाधिक स्कूल शिक्षा विभाग को दिया  गया है , दुसरे पायदान पर खाध्य विभाग और तीसरे पर ग्रामीण विकास को दिया गया है / पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ग्यारह प्रमुख विभागों में एवरेज में 22 .35 % की वृद्धि दी गई है तथा पिछले वर्ष की तुलना में कुल बजट में 5 .4 % की एवरेज वृद्धि हुई है /.





बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया है / बहुत ही संतुलित बजट है /यह बजट लोगों को राहत देनेवाला है तथा विकासोन्मुखी है/. उनहोंने बजट में सामाजिक शेत्र के लिए 41 % राशी का प्रावधान किया गया है/.सबसे महत्त्वपूर्ण काम उनहोंने यह किया की उनहोंने धन पर 2 7 0 रुपये बोनस देने का ऐलान किया है /. इससे किसानो के चेहरे खिल उठेंगे /. डॉ रमन ने केंद्र से धन पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए 
2 0 0 0 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की थी , पर उनहोंने केंद्र का इंतज़ार करते रहे पर कुछ नहीं हुआ / इसलिए उन्होंने 1 7 0 0 0 /- करोड़ का ब्रहमास्त्र छोड़ा है और धान पर 270 रुपये का बोनस देने का महत्वपूर्ण  निर्णय कृषि भाइयों को ध्यान  में रखकर किया गया है/. साथ ही उनहोंने गौ पालन ,मत्स्य पालन ,एवं उद्यानिकी कार्य के लिए कृषकों को 1 से 3 लाख रूपये तक का ऋण 3 % ब्याज दर पर उपलब्ध करने की घोषणा की/.खाद्य सुरक्षा कानून लागु करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है /इस कानून के लागु होने से छत्तीसगढ़ प्रदेश के 42 लाख गरीब परिवारों को बहुत ही रियायती दरों पर तथा 8 लाख सामान्य परिवारों को एपीएल दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जायेगा /.

ग्रामीण शेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण पयेजल कार्यक्रम के अंतर्गत राज्यांश के रूप में 1 1 8 करोड़ , समस्याग्रस्त ग्रामों में पयेजल , नलकूप खनन तथा स्पॉट सोर्स योजनाओं हेतु 3 6 करोड़  एवं शहरी शेत्रों में जल प्रदाय हेतु 124  करोड़ का बजट में प्रावधान किया गया है/.शालाओं में पयेजल एवं शौचालय व्यवस्था हेतु 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है/ ग्रामीण अंचलों के शासकीय शालाओं में स्वच्छता एवं स्वस्थ्य शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए "मुख्यमंत्री निर्मल शाला पुरस्कार " योजना प्रारंभ की जाएगी / 




डॉ रमन ने युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की मंशा से पहली बार सूरजपुर , महासमुंद ,एवं जगदलपुर में वेटेरनरी पॉलिटेक्निक स्थापित करने की घोषणा की /. इसी के तहत बिलासपुर में पशु चिकित्सा महाविद्यालय स्तापित भी किया जायेगा /. छात्र वृत्ति और बेरोजगार भत्ता इस वर्ष के बजट में दोगुना कर दिया गया है/.

कुल मिलकर 2 0 1 3 -2 0 1 4 का बजट बहुत ही संतुलित है और कृषि भाइयों एवं छात्रों को इस बजट से बहुत ही लाभ मिलेगा /.

Saturday, February 23, 2013

womans are now coming forward-Sudipto


Womans are now coming forward-Sudipto

After delhi rape case and here at Chhattisgarh Jhaliamari(Kanker) case womens of chhattisgarh has now became quite aware of the things that they should protest against it and give a written complain to police station so that the accused can get punishment of what crime he has done.
 Few days ago one womwn of bhilai named laxmi Chaudhry filed a case against her inlaws for torturing her and demanding more dowry. she simply went to the police station and lodged a complaint and they were in police custody. same type of case happened in Jamshedpur where Dr women of bilaspur being tortured and harrassaed by her husband who works in Jamshedpur as an Engineer demanding for more dowry. This lady also done the same thing what Laxmi Choudhry has done. also students of one village of Chhattisgarh lodged complaint against the poster for sexual harrasment.

These are all happening due to awareness in women of City and villages. Now we have to make Husband and In-lawas aware of this crucial matter and have to counsell them to not to do in future and if it happens again then they will have to avail a big deal in Jail.for this police in turn should visit those families and prepare a report.



Due to media, social activist / worker and police department , people are coming out of their home and registering FIR or complaing about the situation they gone through. This is a good sign.We have to appreciate them and Govt should help them in getting the culprit behind the bars.

Other cases where child molesting / abusing is there, that sort of people should not be left, they should be sentenced by the court according to IPC. Govt should run a campaign all over the chhattisgarh focusing on women,children to lodge complain if any misbehavior is done by hostel wardon, teacher, local people, majnus etc. 

In my opinion, in every ladies hostel lady police staff should be deputed as wardon of that hostel so that no crimes can take place and people will then be not able to show dare. For this local politicians have to be involved. In many cases it has been found that due to political pressure people have the fear of lodging a complain. dont get fear, govt, Media, Social workers, Mahila sangathan is with you.

Monday, February 18, 2013

article on MANAGEMENT-Management F

This article on MANAGEMENT was published on EDU-JUNCTION, Feb-2013

EDU-JUNCTION, on Feb-2013-CA

This article was published on EDU-JUNCTION, on Feb-2013, Monthly Newspaper related on EDUCATION.

ऐतिहासिक भाजपा युवा मोर्चा का तीन दिवसीय सम्मलेन शुरू /

ऐतिहासिक भाजपा युवा मोर्चा का तीन दिवसीय सम्मलेन शुरू /.

दिनांक 11 फरवरी 2013 से भाजपा युवा मोर्चा ने तीन दिवसीय अधिवेशन का शुभारम्भ नया रायपुर स्तिथ स्वामी विवेकानंद परिसर में  किया गया /. इस भव्य कार्यक्रम में लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी जगत प्रकाश नड्डा , सौदान सिंह , रामसेवक पैंकरा, धर्मेन्द्र प्रधान, अखिल भारतीय भाजपा युवा  मोर्चा अध्यक्ष  अनुराग सिंह  ठाकुर, छग भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग सिंग देव तथा आदि नेता नया रायपुर में बने स्वामी विवेकनन्द परिसर में एकत्रित हुए हैं जहाँ तीन दिवसीय अधिवेशन चलेगा।/ इस अवसर पर सुषमा स्वराज ने भारत की वर्त्तमान राजनितिक परिस्थिति तथा हमारी भूमिका पर अपना विचार रखीं /.छग के मुख्यमंत्री डॉ रमन  सिंह सिरमौर छत्तीसगढ़ की और बड़ते कदम पर अपना विचार रखा/ समापन समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह उपस्थित थे तथा उन्होंने युवाओं को आगे आने पर जोर दिया क्यूँ की युवा ही देश के भविष्य हैं।
इसके पश्चात् राजनाथ सिंह जी को छत्तीसगढ़  के सीएम डॉ रमन सिंह ने उन्हें नए मंत्रालय भवन का अवलोकन कराया / उनके साथ सभी पदाधिकारी उपस्थित थे /  

कांग्रेस लगा रही है बस्तर में जोर

कांग्रेस  लगा रही है बस्तर में जोर /

विगत दिनों 11 फ़रवरी से बस्तर में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने आगामी विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र  रणनीति के तहत कांग्रेस विधानसभा सम्मलेन का चार दिवसीय सम्मलेन का  आयोजन  किया /.यह सम्मलेन जगदलपुर ,बीजापुर , चित्रकोट तथा संजरी -बालोद में  आयोजित किया गया / इस सम्मलेन में भाग लेने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी बी .के .हरिप्रसाद , प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नन्द कुमार पटेल , पूर्व केंद्रीय मंत्री विध्या चरण शुक्ल तथा कांग्रेस के नेता उपस्थित थे / इस सम्मलेन में एक बात दिखी की प्रदेश कांग्रेस कमेटी बाकि बड़े नेताओं जैसे अजित जोगी , छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे किसी कारन वश उपस्थित नहीं हो सके परन्तु रविन्द्र चौबे ने कहा की वे कुछ एक सम्मलेन में भाग लेंगे /.

अभी भी छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कई धड़े में बिखरा हुआ है/. यदि कांग्रेस को सत्ता में आना है तो पुरे नेताओं को एक जुटता दिखानी होगी जिससे आगामी विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर सत्ता हासिल करे /   चाहे भाजपा  हो या कांग्रेस , बस्तर निर्णायक का काम करती है/. कांग्रेस को बहुत मुश्किलों का सामना करते हुए बस्तर तथा दंतेवाडा के मतदाताओं को अपने विश्वास में लाना होगा तथा उन आदिवासिओं के उत्थान के लिए अभी से जुटना पड़ेगा तब कहीं जाकर उन्हें सफलता हाथ लग सकती है।

Saturday, February 16, 2013

पेड़ - मुझे भी जीने दो !

मुझे भी जीने दो !

क्या मुझे जीने का हक नहीं है? हम मनुष्य के बरबर्ता का शिकार हो रहे हैं।कब तक ऐसा चलेगा / हम  तो समूचे संसार की जान है यूँ कहें की हम पृथ्वी के फेफड़े हैं  / हम ही तो हैं जो वातावरण से प्रदुषण को अपने ऊपर लेते हैं और आप मनुष्य के लिए ताज़ा ऑक्सीजन देते हैं जिससे की आप सांस ले सके / हम आपका इतना ख्याल रखते हैं  फिर भी हमारे साथ न्याय  क्यूँ नहीं होता ? 

अब आ रही है होली / अब हमे लोग काटेंगे और होलिका दहन करेंगे / क्या होलिका दहन के लिए जीवित -अर्ध जीवित पेड़ो को काटना जरुरी है/ जो पेड़ मृत हो गए हैं उनको आप जलाइए, न की जीवीत -अर्ध जीवित पेड़ो को उनके समय काल के पहले ही मार डालेंगे / क्या इंसानियत येही सिखाती है / क्या हममे जान नहीं होती है ?

ये आप हमारे कष्टों को नहीं समझेंगे / हम बोल जो नहीं पाते  हैं। तभी तो हमारे पेड़ो पर लगे फल , बेर , अमरुद  इत्यादि फलों को प्यार से तोड़ने के बजाये पत्थर मार  के तोड़ते हैं/. क्या उस समय आप को नहीं लगता है की पेड़ों को भी चोट लगती है/ जब आप हमारे डालियों को तोड़ते हैं तब ऐसा लगता है की हमारे शारीर का कोई अंग काट ले गया / फिर भी हम चुप रहते हैं क्यूँ की हमारे पास जुबां ही नहीं है/. हम कैसे कहें हमारे तकलीफों को।/



गर्मी के समय हम राहगीरों को आपनी छाओं से उन्हें ठंडक पहुंचाते हैं, कड़ी दुप से उनको बचाते  हैं, हवा के झोंको से उन्हें पसीने से कुछ हद तक छुटकारा दिलाते है/. बारिश के मौसम में राहगीरों को हम अपने आवरण से उन्हें बारिश की बूंदों से बचाने  की कोशिश  करते हैं/ हमारे डाल में कितने पक्षी अपना घर बसाते  हैं, फिर उनके बच्चे होते हैं और वे भी धीरे धीरे बड़े होकर अपने रास्ते  चले जाते हैं।हम इतने काम आने के बावजूद लोग हमसे कठोर व्यव्हार करते हैं / जब चाह पत्ते तोड़ डाले, टहनियों को काट डाले , इससे हमे कष्ट पहुँचता है जिसे मनुष्य जाती को सम्हाजना  होगा /

विकास होना चाहिए किन्तु किसी पेड़ की जान न लेकर होना चाहिए /.अभी हमने देखा की रास्ते  चौडीकरण करने के लिए न जाने कितने जीवित पेड़ो को अकाल मौत दे दी गयी /. शहर बसाने  के लिए कितनो की आगाम  बलि चड़ा दी गई /. ऐसा नहीं होना चाहिए / दिनों दिन औधोगीकरण बढेंगे और हमारी जान आफत में आएगी/

कितने खली ज़मीन पड़े हैं, क्यूँ नहीं मनुष्य जाती वहां वृक्षारोपण करते हैं  ? यदि वृक्षारोपण होता भी है तो उसका सही देखभाल नहीं होता है जिससे बहुत से पौधे/पेड़ या तो सुख जाते हैं या मर जाते हैं /.केवल दिखाने भर के लिए वृक्षारोपण न किया जाये,उसका समुचित देखभाल भी अनिवार्य है/. जितने ज्यादा पेड़-पौधे होंगे पृथ्वी उतना ही ठंडक रहेगी /बे मौसम बारिश नहीं होगी, गर्मी समय से पहले नहीं आएगी , सभी का संतुलन बना रहेगा / ग्लेसिएर अभी जितना तेजी से पिघल रहा है, पेड़-पौधों की अधिकता के कारन वह जल्दी नहीं पिघलेगी / पृथ्वी को तब ज्यादा खतरा नहीं रहेगा / पेड़ से ही जीवन है और जीवन से हम हैं।/

हम में भी प्राण है/ हम पानी को सूर्य की रौशनी के माध्यम से (photosynthesis ) अपना भोजन तैयार करते हैं और पानी को हमारे सभी टहनियों से गुजार कर पत्तों तक पहुंचाते हैं जिससे पूरा पेड़ हरा-भरा दीखता है/. मनुष्य  और जानवरों में जैसे रक्त वाहिनी है वैसे ही हमारे शारीर में भी है /. जब आप किसी पेड़ या पौधे को काटेंगे तो उससे पानी जैसा रिसाव होता है, वाही हमारे लिए रक्त संचार का काम करती है और खाध्य पदार्थों को अपने जगह पहुंचती है/.

आज समय आ गया है की हम पेड़-पौधों को अधिक से अधिक बचाने  का प्रयास करें और जहाँ तक हो सके अधिक से अधिक जगह पर वृक्षारोपण कर पृथ्वी को बचाएं जिससे की आप और हम दोनों बच  सकते हैं/ ध्यान में रखिये की हम पृथ्वी के फेफड़े हैं, और हम ही आपको स्वच्छ  वातावरण के साथ स्वच्छ हवा देंगे/


इसलिए सभी मनुष्य जाती से हम अनुरोध करते हैं की कम से कम होली में हमे बख्श दे और हमारे रक्षा करने के लिए आगे आयें।/. होली ही क्यूँ किसी भी समय के लिए हो पेड़ो को बख्श ज़रूर दें येही इल्तज़ा है आपसे /.


Tuesday, February 12, 2013

Me & My Self


Sunday, February 10, 2013

मूल धारा में लौट आयें /.

मूल धारा में लौट  आयें /.

संसद में हमला करने की साजिश रचने वाले मास्टर माइंड  अफज़ल गुरु की फांसी पर आज पूरा देश खुश है और संसद हमले में मरनेवालों को यह एक सच्ची श्रधांजलि है। देर आये दुरुस्त आये /. भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुख़र्जी द्वारा उनकी दया याचिका को ख़ारिज करके फंसी की सज़ा को बरक़रार रखते हुए उन्होंने एक बहुत बड़ी मिसाल कायम किया /.ये बहुत बड़ा फैसला है और देशद्रोहियों एवं आतंकवादियों को करारा जवाब भी है / अभी भी समय है आतंकवादी, नक्सली  आतंक की राह छोड़कर देश हित में काम करें और एक सम्मानित जीवन व्यातीत करे /. 

अफज़ल गुरु की फांसी तो बहुत पहले ही जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला 4-अगस्त 2005 को  आया था और फांसी की तारीख 20-अक्टूबर 2006 को तय किया गया था तब ही हो जाना चाहिए था /.लेकिन 3-अक्टूबर 2006 को अफज़ल की पत्नी द्वारा दाखिल दया याचिका के कारन देरी हो गया /.उसी समय तत्कालीन राष्ट्रपति को दया याचिका ख़ारिज करके फांसी  दे देना चाहिए था, पर क्यों नहीं हुआ यह राष्ट्रपति कार्यालय और गृह मंत्रालय ही बता सकते हैं /.

कसब और अफज़ल को फांसी दिया जाना पाकिस्तान के लिए बहुत ही करारा जवाब है। इससे पड़ोसि देशों को सीख लेते हुए आतंक के रास्ते में चलना बंद करना चाहिए /.इससे तो मिलने वाला कुछ नहीं है, फिर क्यूँ आतंक के रास्ते चलना ? अपने देश को पुरे विश्व के सामने बदनाम करके और अपने परिवार को भी क्यूँ जोखिम में डालना /. सभी आतंकी को,  देश , पड़ोसी देश तथा विश्व के हित में कार्य करना चाहिए /. 

मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता के हैसियत से सभी आतंकी और नक्सली से अपिल करना चाहूँगा की वे आतंक की राह छोड़कर  मूल धरा में लौटें और एक व्यवस्थित जीवन व्यतीत करे /.विनाशकारी पथ पर चलकर क्या लाभ मिलेगा /. वे देश - राज्य के विकास कार्यों में अपना योगदान दें और नौकरी /व्यावसाय करके अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करें /. 


"लड़के की जल्दी शादी करके महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को कम किया जा सकता है /"( डॉ इंदिरा शर्मा (भारतीय मनोरोग सोसाईटी की नव नियुक्त अध्यक्ष का बयान)

आज दिनांक 10th फरवरी 2013 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया  में प्रकाशित डॉ इंदिरा शर्मा (भारतीय मनोरोग सोसाईटी की नव नियुक्त अध्यक्ष  ) का बयान जो छत्तीसगढ़ के प्रमुख सांध्य " दैनिक छत्तीसगढ़ " में प्रकाशित हुआ है जिसमे उन्होंने कहा की "लड़के की जल्दी शादी करके महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को कम किया जा सकता है /"

उनके इस बयान से मै सहमत हूँ  ,क्यूँ की मैंने 25 जनवरी 2013 को अपने ब्लॉग तथा फेसबुक  में " ये क्या हो रहा है ?" शीर्षक से एक लेख लिखा था जिसमे मैंने लड़के एवं लड़कियों की शादी जल्दी करने पर अपना विचार व्यक्त किया था और साथ में यह भी कहा था की 13-14 वर्ष के बच्चों को हर महीने किसी मनोरोग विशेषग्य से काउंसलिंग करवानी चाहिए /. इसके लिए सरकार को चाहिए की वे हर एक स्कूल एवं कालेजों में एक मनोरोग विशेषज्ञ नियुक्त करे और बच्चो का काउंसलिंग करवाएं /.काउंसलिंग केवल सेक्स तक सिमित न रहके जीवन में कैसे पसिटिव विचार अपनाएं , जीवन में कैसे आगे बड़े , किसी भी कारण से निराशा की भावना न आये या डिप्रेशन में न जाएँ , इसके लिए भी काउनसेल्लिंग बहुत ही आवश्यकता है /.


" ये क्या हो रहा है ? शीर्षक के नाम से जो विचार मैंने 25जनवरी 2013 को लिखा था उसमे से थोडा अंश जिसमे मैंने शादी जल्दी करवाने पर विचार व्यक्त किया था तथा काउन्सेल्लिंग के बारे में भी अपना विचार दिया था वह आपके अवलोकनार्थ नीचे लिखा हुआ है -----


" ये क्या हो रहा है ? सभी स्कूलों और कलेजों में कौन्सेल्लिंग की क्लास  अनिवार्य रूप से होना चाहिए विशेष रूप से 13 से 17 साल के बच्चों का तो कौंसेल्लिंग होना ही चाहिए /.इस बड़ती  उम्र में जिज्ञासा भी रहती है सेक्स के बारे में /. इन जिग्यासयों का सठिक उत्तर एक साइकेट्रिस्ट कोउन्सेल्लिंग के द्वारा तथा माँ -बाप बिना झीजक के अपने बच्चों को देना चाहिए /. लड़कों का भी शादी का उम्र 21 से 18 कर देने पर विचार करना चाहिए /. इस प्रकार का जुर्म सेक्स के प्रति जिज्ञासा तथा चाह के कारण होता है /. यह केवल शहर तक न सीमित रहे अपितु गांव -देहात के बच्चों तथा लोगों का भी कौन्सेल्लिंग तथा सेक्स के बारे में समझाना बहुत ही जरूरत है। सभी को इसके लिए आगे आने की ज़रूरत है तथा पुलिस को भी इसमें शामिल कर उनकी मदद हमे करनी चाहिए /."



Saturday, February 9, 2013

Sai Bhajan Sandhya, 7th February-2013, Raipur


Akhil Bhartiya Brahman Sena (ABBS) organised a Sai Bhajan Sandhya at Lodhi Para, Kapa, Raipur on Thursday 7th February,2013 in association with Bhartiya Janta Party Yuva Morcha, Raipur Mandal. On this religious occassion Chhattisgarh State BJP Vice President Shri Sachchidanand Upasne was present as Chief Guest. Along with the Chief Guest other BJP members, Members of Brahman Sena, people of the Samaj and localites were also present to get Aashirwaad of Sai Baba.

It was a great gathering of all religious people from different samaj and all enjoyed the Sai Bhajan Sandhya.
ABBS will organise this type of religious activities time-to-time and also will do Social Activities for the benefit of the people.



Thursday, February 7, 2013

साईं भजन संध्या -7TH FEB-2013


साईं  भजन संध्या 

अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना तथा भाजपा युवा मोर्चा  द्वारा 7- फरवरी 2013  को लोधीपारा , कापा में आयोजित  साईं भजन संध्या में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष श्री सच्चिदानंद उपासने जी उपस्थित थे /. इस भजन संध्या में समाज के नागरिक तथा अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना के प्रांतीय महामंत्री अविनय दुबे , प्रदेश अध्यक्ष अमित शर्मा , प्रदेश सचिव सुदिप्तो चटर्जी , प्रदेश प्रवक्ता इश्वर चन्द्र शुक्ला, सत्येन्द्र तिवारी , अजय त्रिपाठी , प्रदीप पाण्डेय  तथा ब्राह्मण सेना के कार्यकर्ता उपस्थित थे /.

Tuesday, February 5, 2013

News Published in Central Chronicle, 5th Feb-2013

News Published in Central Chronicle, 5th Feb-2013

Monday, February 4, 2013

स्कार्फ का एक और पहलु /.

स्कार्फ का एक और पहलु /.

आमतौर पर हम देखते हैं की दो पहिया वाहन पर या तो दोनों लोग स्कार्फ बांधे होते हैं , या हेलमेट पहने होते हैं या कुछ भी नहीं पहेनते हैं सिर और चेहरा ढकने के लिए /. लेकिन हम आज ये देखते हैं की सामने वाला/वाली जो गाड़ी चला रहे होते हैं अपना चेहरा नहीं ढाकते है अपितु पीछे बैठने वाले अपना पूरा का पूरा चेहरा ढाक के रखते हैं/. इसका मतलब समहज से परे है।/जो गाड़ी चला रहा होता है उसे तो अधिक प्रदुषण का चिंता होना चाहिए न की पीछे बैठे हुए लोग /.क्यूँ की पीछे बैठने से तो एक आप को हवा कम लगती है, प्रदुषण जो है वो अधिक चलाने वाले को लगनी चाहिए फिर भी लोग पीछे बैठकर अपना मुह किस्से छुपा रहे  हैं , या पीछे बैठकर स्कार्फ बंधने का औचित्य क्या है?

यही समाज  है , सब कुछ आँखों के सामने हो रहा है फिर भी हम खामोश हैं/.इसका कोई जवाब क्या हम दे पाएंगे /. स्कूल जाती ग्रुप में बच्चियां जिनमे से एक या दो अपना चेहरा स्कार्फ से ढाक लेते हैं बाकि सिंपल उनके साथ जाते रहते हैं।/ क्या वे प्रदुषण मुक्त हैं या प्रदुषण से बचने  के लिए कोई टिका लगा रखे हैं /.








यह सोचने  का विषय है /.समाज को सम्ह्जना होगा की हम किस पथ पर अग्रसित हो रहे हैं/.

मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता  के रूप में यह सोचता हूँ की हम कैसे इसे रोकें /. चारो तरफ घटनाएँ घट रही है , फिर भी हम सचेतन नहीं हो रहे हैं/. मै मीडिया से दरख्वास्त करूँगा की इन विषयों को प्रमुखता से उठायें , ताकि लोग जागृत हों और हम आगे होने वाले किसी भी घटना-दुर्घटना से बच पायें।

Sunday, February 3, 2013

एक गाड़ी > तीन सवारी > खतरनाक

एक गाड़ी > तीन सवारी > खतरनाक 

एक गाड़ी तीन सवारी /. कोई डर नहीं , जोखिम लेने में सक्षम  , पुलिस का भी भय नहीं - चल मेरे गाड़ी/. रायपुर शहर में पहले की तुलना में लोगों एवं गाड़ियों की संख्या में बहुत ही अधिक वृद्धि हुई है /. निम्न वर्ग , माध्यम वर्ग के लोगों के घर में अधिकतर एक ही गाड़ी होती है / लेकिन सवारी अनेक /. अब बिचारे क्या करे , एक साथ जाना हो तो सब एक ही में सवार /. स्कूल - कॉलेज के बच्चे  फिल्मी स्टाइल में तीन सवारी बैठाकर चलाने में , करतब दिखाने में, उस्ताद होते हैं। इन्हें किसी का भय नहीं, जानते हैं पकड़े गए तो पापा -चाचा हैं न बचा लेंगे /.लेकिन उनको खतरे का अंदाजा नहीं होता है / घर के बड़ो को चाहिए की उन्हें ट्रैफिक नियमों के बारे में बताये जिससे वे नियमों का पालन करते हुए गाड़ी चलायें /. वैसे भी बालिग होने तक तो उन्हें गाड़ी देना बड़ी भूल है / इस बारे में तो घर वाले और ट्रैफिक पोलिस ही बता पाएंगे /.

तिन सवारी पर तो ट्रैफिक पोलिस की पैनिह नज़र होनी चाहिए /. गाड़ी में अधिक सामान हो तो पकड़ते हैं, लेकिन तीन सवारी को क्यूँ नहीं /. ऐसे में एक्सीडेंट का खतरा बहुत ही बड़ जाता है/

हम आम नागरिक को भी इस और ध्यान देना होगा की हम तीन सवारी दो पहिये वाहन  में नहीं बैठाएंगे और कोशिश करेंगे की बच्चे भी दो पहिया वाहन  लेकर स्कूल न जाएँ।/ स्कूल के संचालक , प्रिंसिपल को चाहिए की इस पर रोक लगायें /. स्कूल - कॉलेज के अधिकतर  बच्चे गाड़ी भी बहुत तेज़ रफ़्तार से चलते हैं/. इस पर भी ट्रैफिक पुलिस को ध्यान देने की आवशयक्ता है/. 

जितने नियम बनते हैं उसे तोडा भी बहुत जल्दी जाता है /. गाड़ी चलाते  समय मोबाइल का इस्तेमाल न करने की समझाइश भी लोगों को दी गई , पर लोग भी हैं की नियमों का पालन ही नहीं करते /. यदी हम पड़े लिखे होने के बावजूद ऐसा करें तो कैसे चलेगा। बच्चे तो हम ही से सीख लेंगे/.





आइये हम सब मिलकर नियमों का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक वाहन चलाने का निश्चय करें/.

स्कार्फ - एक बनता फैशन स्टेटमेंट , जो हानिकारक जो सकता है /

स्कार्फ - एक बनता फैशन स्टेटमेंट , जो हानिकारक जो सकता है /

आज  के इस दौर में स्कार्फ  एक फैशन बनता जा रहा है / जो आगे के लिए खतरनाक हो सकता है /
जिधर देखो चाहे लड़की  हो या लड़का अपना पूरा का पुरा चेहरा स्कार्फ से लपेटे हुए पाए जाते हैं / क्या उन्हें साँस लेने में तकलीफ नहीं होती। क्या उन्हें suffocation नहीं लगता है? /. बाज़ार हो या पेट्रोल पंप या ग्रोसरी शॉप जहाँ देखो लोग स्कार्फ पहने हुए है / क्या हमारा रायपुर शहर इतना प्रदूषित है /. रायपुर के बाहर लोग जा रहें हैं तो चलो ठीक है वहां प्रदुषण के कारन स्कार्फ बांध लिया /. लेकिन शहर  के अन्दर स्कार्फ पहनके चलना , घूमना ठीक नहीं है। आप अपने परिवार के लोगों तक को नहीं पहचान पाएंगे /. कौन किसके साथ जा रहा है, किसके साथ बैठा है इत्यादि आप नहीं जान पाएंगे /. दिनों दिन संख्या में बढोतरी हो रही है हर  एक गाड़ी के पीछे आप स्कार्फ बंधा हुआ किसी न किसी को पाएंगे /. पूरा का पूरा सर स्कार्फ से बंधते हैं, इससे तो रक्त संचालन में दिक्कत होंगी। ब्रेन  तक प्रॉपर ब्लड नहीं पहुंचेगा /.
ऐसे  भी लोग देखने को मिले हैं जो स्कार्फ के साथ साथ हेलमेट भी पहने हुए हैं। ऑफिस कंपाउंड में भी लोग स्कार्फ पहनते हैं। इसे आप क्या बोलेंगे /. महिला पुलिस को इस और ध्यान देना चाहिए /. दिनों दिन लडकियों पर अत्याचार हो रहे हैं, क्राइम बड़ रहे हैं/. परिजन को भी इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है जब तक हम खुद से इसे नहीं रोकेंगे तब तक यह  नहीं रुकेगा। स्कार्फ से क्या आपका सर बच जायेगा, इससे तो अच्छा है आप हेलमेट पहनो जिससे आपका सर भी सुरक्षित रहेगा और प्रदुषण से भी बचे रहेंगे /.
ये भी देखने में आ रहा है की स्कूल के बच्चे भी इस स्कार्फ रूपी फैशन से अछूते नहीं हैं/

रात को भी ये नज़ारा आम है/. किसी अँधेरे कोंने  में दो स्कार्फ बंधे लोग मिल जायेंगे /. इन पर कैसे अंकुश लगाया जाये जिससे घटनाये न घटे। हम सब को इस ओर  ध्यान देने की आवशयक्ता है की हम हेलमेट के ऊपर  ध्यान केन्द्रित करें बजाय की स्कार्फ के / स्कार्फ को फैशन स्टेटमेंट न बनायें/ ये हानिकारक है/.
































गर्मी में बात समहज में आती है की धुप के कारन आप स्कार्फ पहने हो क्यूँ की गर्मी में हेलमेट गरम हो जाता है / फिर भी शहर से बाहर जाते हैं तो हेलमेट का उपयोग अवश्य करें/.