Friday, December 6, 2013

औरतों का सम्मान करें और उनसे डरे।

औरतों का सम्मान करें और उनसे डरे।


हम हर रोज़ अखबारों में पड़ते हैं कि किसी महिला के साथ छेड़खानी हुई , बलात्कार हुआ, और इत्यादि। ये सोचने कि बात है कि ऐसा महिलाओं के साथ क्यूँ होता है ? क्या पुरुषों के साथ ऐसा नहीं होता है ? क्या कभी किसी मीडिया ने इस बात का उजागर किया कि किसी लड़के के साथ छेड़खानी हुई , बलात्कार हुआ , नाज़ायज फायेदा उठाया गया ? क्या सिर्फ और सिर्फ लड़कियों के साथ होते हैं ? अभी परिस्थिति ऐसी हो गयी कि आप यदि किसी लड़की के कंधे पर हाथ डालके बात करो या उनसे दोस्ताना के रूप में मज़ाक करो तो कुछ देर बाद वही लड़की रिपोर्ट लिखाये कि उसका दोस्त / लड़के ने उसे छुआ और केस दर्ज हो जाता है। कानून ही हमारे देश में ऐसा बना हुआ है कि सब लड़कियों के फेवर में है। अभी कि स्तिथि में समाज पुरुष प्रधान नहीं है। ५०-५० हो गया है , पर हाँ scientifically लड़के थोड़े मजबूत होते हैं महिलाओं से।


IPC कि धारा 498 / 498 a का कुछ महिलाएं गलत फायेदा उठाकर लड़केवालों को सलाखों के पीछे डाल देते है , क्या ऐसा करना सही है ? लड़के पक्ष वालों कि बात क्यूँ नहीं सुनी जाती है ? भारत में इस प्रकार के कानूनों का संगसाधन होना ज़रूरी है तथा साथ में यह भी परिभाषित हो कि किस प्रकार का छूना , बोलना , हाथ रखना आदि क़ानूनी दायरे में आते हैं।

मानलीजिए कोई लड़की इंटरव्यू देने जाती है और उनका इंटरव्यू कंपनी के HR मेनेजर ले रहे हैं और किसी कारन वश उनका चयन नहीं होता है  और लड़की बाद मे पुलिस स्टेशन पहुंचकर बयान  दे कि फलाने  ने मुझसे यह डिमांड किया, तो इस बाबत मेरा चयन नहीं हुआ।  तो इस प्रकार के केसों का फिर क्या होगा ? क्या इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति सलाखों के पीछे होगा? बहुत ही अहम् प्रश्न  है।  आजकल अधिकतर केस झूटे होते हैं , बदला लेने के लिए भी हो सकता है।  प्यार किया पर शादी नहीं हुई, दोस्त हैं, फिर जो भी दोनों के बीच आपसी सहमति से होता है और बादमे लड़की पुलिस में कम्प्लेन कर देती है। इस प्रकार के केसों का कैसे हल निकालेंगे।? इस अहम् विषय पर बहस होनी चाहिए और साथ ही कमेटी बनाकर सभी एंगल को ध्यान में रखकर कानून में संगसाधन होना चाहिए।

Monday, September 16, 2013

"बहाव " का गरिमामयी उपस्थिति में लोकार्पण।

"बहाव " का गरिमामयी उपस्थिति में लोकार्पण। 

आज दिनांक 16 -9 -2013  को  डॉ हिमांशु दिवेदी जी द्वारा लिखी गयी  किताब "बहाव " का विधिवत गरिमामयी उपस्थिति में होटल बेबीलोन इन् , रायपुर में लोकार्पित हुआ। यह मेरे सौभाग्य की बात है की डॉ हिमांशु द्विवेदी जी ने मुझे इस अवसर पर उपस्थित होने के लिए निमंत्रण दिया। आज के इस लोकार्पण समारोह में छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे साथ ही अध्यक्षता के रूप में दैनिक भास्कर समूह के प्रधान संचालक श्री रमेश चन्द्र अग्रवाल जी भी उपस्थित थे। 

इस गरिमामयी समारोह में प्रख्यात कवी श्री  हरी ओम पवार , हरिभूमि समाचारपत्र समूह के चेयरमैन कैप्टेन रुद्रसेन सिन्धु , समाजसेवी तथा अंतर्राष्ट्रीय वक्ता श्री राजेश अग्रवाल, कोटा विधायक श्रीमती रेणु जोगी , रमन मंत्रिमंडल के सभी मंत्रीगण , विपक्ष के नेतागण , तथा राज्य सरकार के आला अधिकारी एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित थे। 

सभी मंचासीन सज्जनों ने डॉ हिमांशु जी द्वारा लिखी गयी किताब के बारे में कहा और सभी वक्ताओं का कहना था की बहाव होते रहना चाहिए केवल अच्छे कार्यों के लिए , प्रगति के लिए , समाज के उत्थान के लिए।  जहाँ ठहराव आ जायेगा वहां  शिथिलता  आ जायेगा।  जिस तरह पानी के बहते रहने के कारण पानी स्वच्छ रहता है और उसमे कीटाणु नहीं लगते ठीक उसी तरह मनुष्य को जीवन में हमेशा बहते रहना चाहिए  न की ठहर जाना। जहाँ व्यक्ति ठहर जाता है उसका विकास अवरुद्ध हो जाता है। इस किताब में विभिन्न देशों के यात्राओं के बारे में वर्णन किया गया है जिसमे शब्दों का चयन बहुत ही उच्च स्तरीय है और पढने से ऐसा प्रतीत होगा की आप खुद उस देश में भ्रमण कर रहे हो या अपने यात्रा का वर्णन किया हो। बहुत ही सहज तरीके से पाठकों के लिए शब्दों का चयन कर सहज माध्यम से पढने के लिए पाठकों तक लाया गया है। 

पद्मश्री कवि डॉ सुरेन्द्र दुबे द्वारा मंच का संचालन बेहतरीन ढंग से या यूँ कहें अपने तरीके से कविता के माध्यम से संचालन किया गया तथा अंत में सभी को धन्यवाद देते हुए रात्रि भोज के लिए निमंत्रित किया गया । 

























Thursday, September 12, 2013

हिन्दी देश की राष्ट्रभाषा नहीं !

हिन्दी देश की राष्ट्रभाषा नहीं !

आज समाचार पत्रों से ज्ञात हुआ की "हिन्दी " भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है। लखनऊ के सुचना अधिकार कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा को सुचना के अधिकार के तहत भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा मिली सुचना के अनुसार भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत "हिन्दी " भारत की "राजभाषा " है। भारत के संविधान में राष्ट्रभाषा का कोई उल्लेख नहीं है। 



फिर भारत की राष्ट्रभाषा क्या है ???

अब इस पर बहस होगा, और बहस जरी रहती है की संविधान में परिवर्तन होगा यह तो समय ही बताएगा। 

Wednesday, September 11, 2013

चुनाव के मद्देनज़र अपना कीमती वोट सोच - समझकर दीजियेगा।

चुनाव के मद्देनज़र अपना कीमती वोट सोच - समझकर  दीजियेगा।
आपका एक वोट भारत की तस्वीर बदल सकता है। 

किसी के बहकावे में आकर अपना मत न बदलिए। 

डरने की भी ज़रूरत नहीं। 
आप खुद एक स्वच्छ सरकार बना सकते हैं। 



2 महीने के अन्दर 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने को है ,
फिर उसके बाद लोकसभा चुनाव। सरकार आपको बनानी है न की 
सरकार अपने आप को खुद चुनेगी। 

चरों तरफ कीमतें बढ़ी हुई है ,और मध्यमवर्गीय और गरीब तबके के लोग रो रहे हैं। डॉलर के मुकाबले रुपया गिरता जा रहा है। जघन्य अपराध घटित हो रहे हैं। कुछ साधू / संत तबके के लोग बेनकाब हो रहें है जिन पर आम लोग आस्था रखे हुए थे।

ये साधू जो पकड़ में आये हैं इनके पास अकूत संपत्ति है  तथा  ये साधू / संत, संस्कार सिखा  रहे थे, मधुर वाणी से प्रवचन दे रहे थे , लोगों की ज़मीन तक इन लोगों ने हड़प ली। अब आप ही देखो इनका हश्र क्या होता है ? 

हिंसक घटनाये बढ़ गयी है। बेरोजगारी हद से अधिक बढ़ गयी है। उद्योग नुकसान न झेलने के कारण छटाई कर रही है जिससे बेरोजगारी बहुत ही ज्यादा बढ़ गयी है।छत्तीसगढ़  में कई उद्योग तो नुकसान न झेलने के कारण बंद हो गए हैं और कई उद्योग\बंद के कगार पढ़ खढ़े  है। 
क्या होगा ये भगवान ही जनता है। 



Tuesday, September 10, 2013

अब शुरू होगी पदयात्रा।

अब शुरू होगी पदयात्रा। 

कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा और भाजपा की विकास यात्रा के बाद अब पदयात्रा की बारी है। कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा शुरू किया और भाजपा द्वारा किये गए भ्रष्टाचारों को लोगो तक पहुँचा ही रहे थे की जीरम घाटी में हुए वृहद् नक्सली हमलों ने यात्रा को रोक दिया। इस नक्सली हमले में कांग्रेस के कद्दावार नेताओं की मौत हो गयी और बहुत से कार्यकर्ता मारे गए और कुछ कार्यकर्ता एवं नेता हमले में घायल हो गए।  इस दर्दनाक घटना को देखते हुए भाजपा ने अपनी विकास यात्रा बीच में ही बंध कर दिया। जब सब शांत हुआ तब फिर प्रदेश की राजनीती धीरे-धीरे गर्माने लगी।  एक तरफ जहाँ कांग्रेस ने कलश यात्रा शुरू किया तो दूसरी तरफ भाजपा ने फिर से विकास यात्रा शुरू किया। इससे लाभ किसी को हो न हो परन्तु मीडिया को लाभ अवश्य हुआ है विज्ञापन के रूप में। 

अब आते हैं राजनीती के अखाड़े में।  विकास की नदियाँ बहाने के बाद अब भाजपा जुटी हुई है नाराज नेतायों को मानाने तथा समूचे 90 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी चयन के लिए। सीधी सी बात है दमखम रखनेवाले नेता सभी सक्रिय हो गए हैं अपने अपने शेत्रों में और अपना दावेदारी दिखने में।  तय तो वही होगा जो हाई कमान करेगा। इधर कांग्रेस ने सभी विधानसभावार सूचि बना ली है और बड़े नेता दिल्ली में डेट हुए हैं अपने पसंद के उम्मीदवार को टिकेट दिलाने में।  कोई राहुल गाँधी से मिल रहा है, तो कोई महंत जी से, कोई हरिप्रसाद जी से तो कोई दिग्विजय सिंह जी से। कुलमिलाकर मेलजोल चल रहा है। तय तो वाही होगा जो स्क्रीनिंग कमिटी करेगी और जिनके ऊपर हाई कमान का आशीर्वाद होगा।  लेकिन यहाँ हाई कमान हम किसे बोले ? केंद्रीय नेत्रित्व को या प्रदेश के नेतृत्त्व को ? छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस में भी धड़ा बना हुआ है। एक तरफ संगठन खेमा जिसमे महंत, रविन्द्र चौबे, सत्यनारायण शर्मा हैं , दूसरी तरफ शक्तिशाली जोगी खेमा और तीसरी तरफ भूपेश खेमा। जोगी खेमा को ज्यादा तवज्जो न मिलने के कारण वे नाराज चल रहे हैं और  अकेले ही संगठन खेमा के विपरीत सभाएं ले रहें हैं।  अब मतदाता किसकी सुने ? कांग्रेस के संगठन खेमे की या जोगी खेमे की या भाजपा की ? मतदाता बहुत ही कन्फ्यूज्ड हैं। 

भाई कुछ भी हो इस बार चुनाव दिलचस्प होने वाला है।  यह पहला चुनाव होगा जिसमे विद्या भैया नहीं होंगे  साथ ही श्यामा भैया , नन्द कुमार पटेल जी , महेंद्र कर्मा जी, उदय मुदालियर जी भी नहीं होंगे।  ठीक इसी तरह भाजपा में दिलीप सिंह जूदेव जी, बलिराम कश्यप जी भी नहीं होंगे। साथ ही यहाँ देखने मिलेगा की अन्य पार्टियाँ जैसे स्वाभिमान मंच , राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, संगमा जी की पार्टी, कमुनिस्ट पार्टी इत्यादि किसे लाभ पहुंचती है ? भाजपा में भले अंदरूनी मतभेद हों लेकिन वो सामने नहीं दिख रहा है , परन्तु कांग्रेस का मतभेद जग जाहिर हो जा रहा है। ऐसी स्तिथि में कौन सी पार्टी बहुमत लाएगी और कौन सी पार्टी किंग मेकर साबित होगी यह समय के गर्भ में है। 

भगवन गणेश जी विराज गए हैं , अब त्येहारों का सिलसिला शुरू हो जायेगा और इसी के साथ सभी पार्टियों के नेताओं का पैदल यात्रा भी। अब नेतागण पूजा मंडपों में, कीर्तनों में , रावण जलाने के मौके पे , जगराता में इत्यादि स्थानों पे पाए जायेंगे जनसंपर्क करते हुए। जनसंपर्क तो गाड़ियों से नहीं होगी ना , पैदल यात्रा करना होगा।  ये राजनीती भी बड़ी अजीब है साड़े चार साल गाड़ियों में घुमाती है और बाकि पांच महीने पैदल यात्रा करवाती है। भैया यह पैदल यात्रा या जनसंपर्क  कोई  खेल नहीं है, यह बारहवीं के परीक्षा जैसा है , इसमें  कैसा उत्तर मतदाता देते हैं उस पर मार्क्स मिलेंगे नेतायों को। जिस पार्टी के जितने नेता ज्यादा पास होंगे वही पार्टी शाशन करेगी या यूँ बोले "राज " करेगी। तो भैया तैयार हो जाओ परीक्षा देने और पास होने के लिए। 













































Monday, September 9, 2013

नौकरी (carrier ) में ग्रोथ (growth ) को दे प्राथमिकता।

नौकरी (carrier ) में ग्रोथ (growth ) को दे प्राथमिकता।



दैनिक भास्कर में 9-8-13 को प्रकाशित लेख को पड़ें।


यदि कोई आपको इन्सल्ट करे जान-बुझकर , तो उस जगह से तुरंत उठ कर चले जाइये।

यदि कोई आपको इन्सल्ट करे जान-बुझकर , तो उस जगह से तुरंत उठ कर चले जाइये। 
या इन्सल्ट करने वाले की बात को अनसुनी करें। 
या सीधे उनसे पूछे की ""क्या आप मुझे हर्ट करना चाहते हैं?



पड़े इस लेख को , दैनिक भास्कर के डीबी स्टार में प्रकाशित हुआ है आज दिनांक 9 -8 -13 को 

Sunday, September 8, 2013

कुकृत्य के समाचार सम्मानीय दैनिक में प्रकाशित होना बंद होना चाहिए।

कुकृत्य के समाचार सम्मानीय दैनिक

में प्रकाशित होना बंद होना चाहिए। 

विगत साल भर के करीब हम रोजाना समाचार पत्रों में रेप का 2 -3 समाचार रोजाना पड़ते आ रहे हैं। कभी इस प्रकार के  कुकृत्य का समाचार  फ्रंट पेज का न्यूज़ बनती है या इनर पेज में प्रकाशित होती है। सुबह उठकर प्रत्येक व्यक्ति कुछ अच्छे समाचारों से रूबरू होना चाहता है जिससे की सुबह - सुबह मन फ्रेश लगे और दिन अच्छा हो । लेकिन यदि इस प्रकार का समाचार फ्रंट पेज में प्रकाशित हो तो समाचार पत्र पड़ने वाले व्यक्ति  का मुड का सत्यानाश हो जाता है तथा इस प्रकार के समाचार मन-मस्तिष्क में विपरीत असर भी डालता है। समाचार पत्र केवल वयस्क ही तो नहीं पड़ते है न, घर के दुसरे सदस्य भी पड़ते है, तो सोचिये किस प्रकार का प्रभाव पड़ेगा ? समाचार पत्र से इस कुकृत्य का समाचार पड़ने पर मालूम होता है की आज कल बच्चे भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं। क्या हम इसे मस्तिष्क विकृति की संज्ञा दे सकते हैं ? 

प्रत्येक दिन ऐसी घटना दुनिया भर में घाट रही है, और हम यदि सभी को प्रकाशित करने लगे तो पूरा का पूरा अख़बार इस प्रकार के समाचार से भर जायेगा। आज मनुष्य के मन मंदिर में एक अंजना सा डर बैठ गया है। आज हम भी, जब सुबह अख़बार पड़ने के लिए बैठते हैं तो भगवन से प्रार्थना करके बैठते हैं की आज कोई कुकृत्य का समाचार हमे पड़ने को न मिले। 3 साल , 6 -साल , 10 साल  के  बच्चियों से कुकृत्य ? ये क्या है ? बाप द्वारा बेटी से कुकृत्य , मामा , मौसा, इत्यादि, इन समाचारों को पढने के बाद तो रिश्तों से मन डरने पर मजबूर हो जाता है। किस पर भरोसा करे और किस पर नहीं ? यह बहुत ही बड़ी विडम्बना है। और दिनों दिन इस प्रकार की घटना बढती जा रही है ? अब पानी सर के ऊपर जा चूका है।  शासन  को इस पर बहुत ही गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए। वैज्ञानिकों को कैंसर से पहले कुकृत्य न करने का वैक्सीन बनाना चाहिए और सभी को vaccinated करना चाहिए, तभी जाकर हमे इस प्रकार की मस्तिष्क की बिमारियों से मुक्ति मिलेगी और स्वस्थ समाज बनेगा, रिश्तेदारी कायम रहेगी। 
   

Wednesday, September 4, 2013

Jaago Desh Ke Yuva Jaago... PROUD TO BE AN INDIAN


Tuesday, September 3, 2013

3rd September - BirthDay of Mahanayak Uttam Kumar

Today is Birth Day of Mahanayak Uttam Kumar. He is a legend of Bangla Cinema. He has done few Hindi Cinema like "Choti Si Mulakat", "Amaanush", "Anand Ashram" and etc. with Vaijanti Mala, Sharmila Tagore and other actresses.

News Published - "Berojgari Dastak De Rahi Hai" ... Sudipto Chatterjee


28-8-2013 Happy Krishna Janmashtami


Thursday, August 29, 2013

बेरोजगारी दस्तक दे रही है।

बेरोजगारी दस्तक दे रही है। 

विगत 25 दिनों से सभी सम्मानीय समाचार पत्रों से जानकारी मिल रही है की छत्तीसगढ़ के मिनी स्टील प्लांट अत्याधिक  घाटे के कारण अपने अपने इकाईयों को बंध कर दिए हैं। ये घाटे विध्युत मंडल के निति के कारण हो रहे हैं। मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अशोक सुराना का कहना है की छत्तीसगढ़ राज्य विध्युत मंडल द्वारा स्थाई डिमांड चार्ज रु 360 /- प्रति केवीए  वसूला जा रहा है , साथ ही विध्युत दर रु 4.97/- प्रति यूनिट नेट वसूला जा रहा है। इसके साथ 6% विध्युत शुल्क भी लिया जा रहा है। आगे उनका कहना है की रायगढ़ स्थित जिंदल पार्क के 30 मिनी स्टील प्लांटों को जिंदल द्वारा रु 3.18 प्रति यूनिट नेट में बिजली मुहैया कराई जा रही है और कुछ चुनिन्दे इंटीग्रेटेड स्टील प्लांटो को रु 3.00 /-  से भी कम लागत  आती है विध्युत उत्पादन करने में। 

इससे यह प्रतीत होता है की फर्नेस उद्योगों के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश में 3 -प्रकार के विध्युत दर प्रचलित है। 
ऐसा क्यूँ ? यह बहुत ही बड़ा प्रश्न है। सुराना जी का कहना है की हमने राज्य शाशन के समक्ष  यह मांग राखी है की डिमांड चार्ज को रु 180 /- प्रति केवीए , विद्युत दर को रु 3.50 /- प्रति यूनिट नेट में , तथा 6% विध्युत शुल्क को हटा दिया जाये एवं रात्रि कालिन विद्युत दरों में 30 % की छुट दी जाये। अभी फिलहाल छत्तीसगढ़ प्रदेश में विध्युत सरप्लस है, तो  क्यूँ राज्य शाशन रात्रि कालीन विध्युत दरों में 30 % की छुट नहीं दे रही है।  सरप्लस बिजली मंडल के पास होने  के कारण CSPDCL ने जुलाई -2013 से किसी भी प्राइवेट बिजली उत्पादन कंपनी से एमओयू नहीं किया है। 

मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने 10 अगस्त 2013 को  छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी से मुलाकात कर मिनी स्टील प्लांटो के हालत के बारे में विस्तृत रूप में जानकारी दी तद्पश्च्यात माननीय मुख्यमंत्री जी ने उन्हें आश्वासन दिया और उनसे मिनी स्टील प्लांटों को पुनः चालू करने के लिए कहा और ये भी सुझाया की उर्जा सचिव और प्रबंध संचालक CSPDCL से मीटिंग कर निर्णय लेकर मुख्यमंत्री महोदय को अवगत कराएँ। जैसा की सुचना है की मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने प्रबंध संचालक CSPDCL से मुलाकात कर ली है और अभी अमन सिंह जी से समय न मिलने के कारन मामला अधर में लटका हुआ है। 

अधर में मामला लटके होने के कारण ,  मिनी स्टील प्लांट में कार्यरत कर्मचारी और मजदूरों का भविष्य भी अधर में है।  यदि मिनी स्टील प्लांट संपूर्ण रूप से बंध हो जाते हैं तो कर्मचारी और मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी। आने वाला\समय त्योहारों का है और अविलम्ब शाशन द्वारा यदि ठोस निर्णय नहीं लिया गया हो तो बेचारे इन कर्मचारियों एवं मजदूर भाइयों को फीकी त्योहार मनाना पड़ सकता है। 

आज जब हम विकास की गाथा गा रहे हैं और आम जनता तक विकास की बातें रख रहें है और कई करोरो रुपया का सौगात दे रहें हैं तो शाशन क्यूँ नहीं इन मिनी स्टील प्लांटों की समस्या  का समाधान  कर रही है। मिनी स्टील प्लांट के कारोबार  से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोग जुड़े हुए हैं, इनका भविष्य क्या होगा ? इस विषय पर छत्तीसगढ़ शाशन को गहरी चिंतन कर त्वरित निर्णय लेकर बंद के कगार पर खड़े उद्योगों को रहत पैकेज का सौगात देकर उन्हें जीवित रखने का प्रयास करना चाहिए। ये शाशन को आनेवाले 20 दिनों के अन्दर निर्णय लेना होगा नहीं तो यदि आदर्श अचारसंहिता लग गया  तो फिर  क्या होगा ये समय के गर्व में है।























Tuesday, August 27, 2013

My News Article was Published in EDU-JUNCTION's August Issue-2013.

My News Article was Published in EDU-JUNCTION's August Issue-2013.


फेनसी ड्रेस प्रतियोगिता में अनुष्का प्रथम।

फेनसी ड्रेस प्रतियोगिता में अनुष्का प्रथम।

विगत दिनों जन्माष्टमी के उपलक्ष में इस्कॉन मंदिर टाटीबंध में आयोजित फेनसी ड्रेस प्रतियोगिता में कु. अनुष्का वर्मा सुपुत्री मनोज एवं दिव्या वर्मा , कुशालपुर, रायपुर  ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कु. अनुष्का वर्मा ने भगवान ब्रहमा के वेश में दर्शकों के सामने आईं और इस नन्ही सी बच्ची ने भगवान ब्रह्मा के बारे में बताया। इस उपलक्ष्य में बॉलीवुड के जानेमाने गायक एवं संगीतकार रविन्द्र जैन उपस्थित थे। श्री रविन्द्र जैन जी के हाथों कु. अनुष्का वर्मा ने प्रथम पुरस्कार के रूप में शील्ड के साथ प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त किया। कु. अनुष्का वर्मा रायपुर के देशबंधु स्कूल में पीपी-2 की छात्रा है।  कु. अनिष्का वर्मा ने प्रथम स्थान अर्जित कर अपने स्कूल एवं माता -पिता को गौरान्वित किया।   रविन्द्र जैन जी ने इस नन्ही सी बच्ची के उज्जवल भविष्य की कामना की और अपना आशीर्वाद दिया।

Monday, August 26, 2013

Raising Retirement Age will Fuel Unemployment : Sudipto Chatterjee


People who are doing RAPE are a " PSYCHOLOGICAL RAPIST"

No words to say about the incident of Mumbai. Still this sort of incidents are happening and day-by-day it is increasing. What we will say to this? It can be assumed that people who are doing RAPE are a " PSYCHOLOGICAL RAPIST"... They should be treated first in any psychological clinic and put them behind the bars. Might be these are happening due to some sort of nervous disorder or psychological Disorder or Chemical Imbalance in Brain.




Now question arises why people do RAPE ? What is their thinking or motive behind doing Rape ? Can we say that these are happening due to lack of proper education and guidance ? Also due to today's circumstances / atmosphere created through TV Channels , Adult movies , availability of SEX Books & CD's in abundance in market and etc... etc...

This sort of incident are happening daily in every corner of our country but due to various reason they don't come in front and used to keep quiet... but some percent of people living in metros or Developed Urban cities comes in front and lodged a complaint. Also one thing I want to mention here that today's women wear very ultra modern western dresses, and by which it may be also a cause to provoke men's unknowingly... Why women don't wear a saree or Salwar or covered dress ? It is also a big question ?

Government should now take a strict action regarding this and ANALYSE WHY PEOPLE DO RAPE ???

Saturday, July 27, 2013

उरला -सरोरा मार्ग की हालत भयानक गयी है

उरला -सरोरा मार्ग की हालत भयानक  गयी है

जिस औधोगिक शेत्र से शाशन को करोड़ो रुपये का रजस्व प्राप्त होता हैं, वहां की सड़कें जर-जर हालत में है./ इस औधोगिक शेत्र में काम करने वाले मजदूर , कर्मचारी रोज इस गडढे नुमा रास्ते से आना जाना करते हैन. इनकी समस्या का सुध लेनेवाला कोई नहीं है ./ बेचारे रोजी रोटी के लिए और अपना परिवार चलाने  के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य करने आते हैं / बजरंग चौक से लेकर शिवली उद्योग तक के रस्ते हैं की भी नहीं यह समहज जे परे है / पूरा का पूरा रास्ता पानी में डूबा हुआ है और रस्ते का बड़ा-बड़ा बोल्डर बाहर निकल आया है / रोज यहाँ जाम की स्थिथि बनी रहती है साथ में अँधेरा होने के कारण दुर्घटना की स्तिथि सबसे अधिक बनी हुई है. / सन्मार्ग इंडस्ट्रीज के सामने वाले  रास्ते की हालात  इतनी नाजुक है की कभी भी कोई वहां  गिर जाये या दुर्घटना का शिकार हो जाये / 










आप फोटो देखेंगे तो आपको समहज में आएगा किस दयनीय स्तिथि में लोग यहाँ काम करने आते हैं / यह वही लोग हैं जो सर्कार बनाने में मदद करती है / बाहरी व्यवस्था सुगम होने से खाली  नहीं चलेगा, अपितु अंदरूनी हालत को भी सुगम बनाना होगा , तभी तो बोल पाएंगे की हमारा रायपुर पुरे देश में अव्वल है / 









पता नहीं क्यूँ शाशन  / प्रशाशन इस ओर ध्यान नहीं दे रही है / मन अभी बरसात का मौसम है तो डामरीकरण नहीं होगा , परन्तु कम-से-कम यह व्यवस्था बनाया जाये की रास्ता डामरीकरण होते तक ठीक - ठाक रहे और लोगों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े /

सार्थक इस्पात के डायरेक्टर उदित अग्रवाल ने अपना जन्मदिन हीरापुर स्तिथ ब्लाइंड स्कूल में बच्चों के साथ मिलकर मनाया।

 उदित अग्रवाल ने दृष्टिहीन बच्चों के साथ मनाया अपना जन्मदिन

सार्थक इस्पात के डायरेक्टर उदित अग्रवाल ने अपना जन्मदिन हीरापुर स्तिथ ब्लाइंड स्कूल में बच्चों के साथ मिलकर मनाया। उनहोंने सभी दृष्टिहीन बच्चो के साथ पूरा दिन व्यतीत किया। उनहोंने बच्चो के साथ गाना गया, बच्चों को उपहार भी दिए / सभी दृष्टिहीन बच्चे उदित जी को अपने साथ पाकर बहुत खुश हुए / 



उदित अग्रवाल ने सभी बच्चों को अपने हाथ से खाना परोसा और साथ बैठकर भोजन भी किया / सभी बच्चे इतने ज्यादा खुश थे जिसे व्यक्त करना मुश्किल है / उदित जी समाज सेवा के कार्यों में अधिक रूचि लेते हैं खासकर गरीब-दिन दुखियों के लिए /



  जन्मदिन के मौके पर उनके सभी मित्र हीरापुर स्थित ब्लाइंड स्कूल में उपस्थित थे तथा उनहोंने भी बच्चों के साथ बहुत मजा किया।

Thursday, July 25, 2013

उरला औधोगिक शेत्र के रास्तों की हालत अति भयावह - सुदिप्तो

उरला औधोगिक शेत्र के रास्तों की 
हालत अति भयावह - सुदिप्तो 


सुदिप्तो चटर्जी 
समाज सेवी 
एवं 
छग प्रदेश सचिव - अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना 


11 जुलाई 2013 के अख़बार  में प्रकाशित समाचार "उरला-सरोरा रोड की हालत गंभीर " पर अभी तक प्रशाशन द्वारा रास्ते को दुरुस्त करने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है. जब की इस औधोगिक शेत्र में कार्य करने वाले कर्मचारी , अधिकारी एवं इस रास्ते को प्रयोग करने वाले आस-पास शेत्रों के रहवासियों को  कठिनाइयों का सामना करना पड़  रहा है. पूरा का पूरा रास्ता गड्ढे में तब्दील हो गया है. साथ ही इन रास्तों के गड्ढों में  पानी भर जाने के कारन दुर्घटना की स्तिथि बनी  रहती है. इस शेत्र के रहवासी अपने  छोटे बच्चों , परिवार वालों के साथ आना-जाना करते हैं , फिर भी प्रशाशन इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. बिरगांव नगर पालिका के अधिकारी भी इस और ध्यान देना मुनासिब नहीं समहज रहे हैं. कम-से-कम एक बार इस रस्ते में खुद गाड़ी चलाकर तो देखें , तब समहज में आएगा की हालत क्या है . एक तो रास्ते में गड्ढा , दूसरा पूरा रास्ता उबड़ -खाबड़ , बड़े -बड़े  पत्थर बाहर निकल आयें हैं , इस पर यातायात करनेवालों की पूरी हड्डी -पसली एक हो जाती है. साथ ही इतना धुल की सामने से आनेवाली गाड़ियाँ भी दिन में ठीक से नहीं दिखाई पड़ती है . क्या कोई बताएगा की किस प्रकार से  निवेदन करने से रास्ता ठीक बनेगा।  

डामरीकरण अभी बरसात में  नहीं होगा सही है, कम-से-कम मुरुम, गिट्टी से फिलहाल के लिए रास्ते को  दुरुस्त तो किया ही जा सकता है। ऱात के समय तो हालत  बदतर होती है. जहाँ एक ओर ट्रक का  आना जाना है, वहीँ दो-पहिया वाहनों का भी आना -जाना है.  कब बड़ी दुर्घटना घट जाये कोई नहीं बता सकता। यदि कोई दुर्घटना घाट जाये तो इसकी जवाबदारी कौन लेगा , उसके परिवारवालों को कौन पलेगा , क्या हमे कोई इस बारे में अवगत कराएँगे? ऊपर से रौशनी की कमी. हम बाहारी स्वरुप को चुस्त-दुरुस्त करने में लगे हैं , अंदरूनी स्वरुप को कौन बदलेगा जहाँ रोज लोग दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद करते हैं.  


Wednesday, July 24, 2013

Mahanayak-Uttam Kumar , Death Anniversary-24th July



MAHANAYAK >>> UTTAM KUMAR

A legendry Actor (NAYAK) of Bengali Cinema amd also in Hindi Cinema. He has done ;ots of films in Bengali as well as in Hindi. During his debut in Bangla Film Industry, some of the films got flopped, but he never gave-up and after that one by one he started giving Hits after Hits.

Saptapadi, Haranosur, Nishipadda, Nayak, Shilpi, Agnishwar, Amanush, Grihadaha, Shapmochon, Sagarika, Uttar Falguni, Bhrantibilas and many more hits after hits. By this time he touched the Super Stardom. 



Uttam Kumar's hypnotic screen presence, mellow voice, unique charisma and dazzling smile made him not just a heartthrob, but also a legend of Bengali Cinema. For the Bengali fraternity, he was undoubtedly the 'mahanayak' the great hero, the undisputed king of the Bangla silver screen for nearly three decades.



Once Satyajit Ray (Oscar Winning Director) told that if Uttam Kumar refused to do the film "NAYAK", he will never make this film. He told that Nayak is only one that is Uttam Kumar. He also worked in an another film of Mr Ray that is "Chidiyakhana".





After sometimes of his journey in Bengali Cinema, he started producing and directing films. In this also he got success. He made a film "Choti si Mulakat" with lead role by him and Vaijanthimala. The song - "Choti si mulakat ek pyaar ban gayee, Pyaar banke gale ka har ban gayee, ya ya hippi hippi ya ya ya...." was a hit song but the film didn;t done well in box office. Still he never loose hope, again he started making films and also acting in other films of different directors. 



His Hindi film, Amanush, Aanand Ashram, Desh Preme, and other films done a very good in box office.

He was a "Bhojon Rasik" means love to eat and invite friends for a Gala Party. His style of smoking was awesome / stylish and etc etc. His hair style, his presence, attitude, way of talking, smile, dress sence and etc was super-duper simply wonderful.

With his initiative he formed association for the behind the scene employees , workers and technicians. He gave equal respect to every one. SIMPLY A LEGENDARY.

His last film was "OGO BODHU SUNDARI", during the shooting of this film he got massive heart attack and admitted to a nursing home where he died. With this news whole Bengal and film industry was in shock. No words in every ones mouth to say...totally mum. It was not the age that he died very early. If he used to be alive he must have given a new new experimental films. HE WAS SIMPLY A ROMANTIC HERO "(NAYAK)".


During his last journey whole kolkata was by his side.... What an achievement, Love, Affection and Respect for Mahanayak.

Today 24th July is his Death Anniversary. We pay tribute to MAHANAK UTTAM KUMAR and he will be in our heart untill Bengali's are alive.



Tuesday, July 23, 2013

Friday, July 12, 2013

प्राण साहब हमारे बीच नहीं रहे

प्राण साहब हमारे बीच नहीं रहे 

प्राण एक ऐसा नाम है जो सुनते साथ ही आती प्रथिभाशील नायक , खलनायक और करैक्टर आर्टिस्ट के रूप में आँखों के सामने उनका निभाया हुआ किरदार सामने आ जाता है। पड़ने गए पाकिस्तान, हीरो बनके लौटे। उनकी समहज , किरदार में अपने आप को पूरा ढाल देना, इससे उनका कोई भी निभाया हुआ किरदार जीवंत हो उठता था। उनका सिगार / सिगरेट पिने का स्टाइल आज तक कोई कॉपी नहीं कर पाया। उनका  डायलॉग बोलने का अंदाज़ ही निराला था। उन्हें फिल्म जगत के सर्वोच्चो सम्मान -दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाज़ा गया साथ ही हमारे भारत देश की सर्कार उन्हें पद्मबिभुशन से नवाज़ा।



उनका किरदार शेर खान -जंजीर , जेलर -कालिया , शराबी फिल्म में अमिताभ के पिता का किरदार ,
माइकेल -मजबूर , अमर अकबर अन्थोनी में पिता एवं डॉन का किरदार, डॉन फिल्म में एक लंगड़े का किरदार , ऐसे अनगिनत किरदार हैं जो उनहोंने फिल्मो में निभाई है जिसे कोई भी भुला नहीं सकता। आज भी उनके निभाए हुए किरदार आँखों के सामने तैरते हैं .

एक महान शकशियत  , महान अभिनेता और सबसे बड़ी बात एक महान -सरल-व्यक्तित्व , प्राण साहब, जिन्हें हम आज खो दिए। प्राण साहब हमेशा हमारे दिल में रहेंगे और उनका निभाया हुआ किरदार हमेशा जीवंत रहेगा।

अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना रायपुर की तरफ से प्राण साहब को श्रधांजलि , नमन। परमात्मा उनके आत्मा को शांति दे।

Wednesday, July 10, 2013

सरोरा - उरला रोड की हालत गंभीर

सरोरा - उरला रोड की हालत गंभीर 



रायपुर के जानेमाने औधोगिक केंद्र उरला एवं सिलतरा के रास्तों की हालत अति -गंभीर बनी हुई है।
इस शेत्र से छत्तीसगढ़ सरकार को अधिक आय होती है फिर भी इस शेत्रों की हालत जस-कि-तस बनी हुई है. औधोगिक एरिया में काम करने वाले मजदुर , कर्मचारी तथा यहाँ के रहवासियों को अत्यधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इन रास्तों से भारी गाड़ियों का आवागमन होता है साथ ही इन्ही रास्तों से मजदुर, कर्मचारी तथा रहवासियों को भी आवागमन के लिए इस्तेमाल करना पड़ता है.

उरला -सरोरा रस्ते की हालत जर्जर हालत में है. पाठ्य पुस्तक निगम के मुख्या डिपो के सामने वाला रास्ता कच्चा है जो की मिटटी से बनी हुई है और इस रास्ते में अनगिनत गढ्ढे हैं और बरसात के समय इन गढ्डों में पानी भर जाने के कारण दुर्घटना की स्तिथि बनी रहती है. यही रास्ता आगे जाकर उरला -सरोरा रस्ते से मिलती है जिसकी हालत और भी गंभीर है. साथ ही रौशनी की कमी होने के कारण रात को रास्ता ठीक से दिखाई नहीं पड़ती है. इसी रास्ते को  सभी मजदुर  एवं कर्मचारी उपयोग करते हैं. कभी भी उरला-सरोरा रास्ते में कोई बड़ी दुर्घटना घट  सकती है. यदि कोई दुर्घटना घाट जाये तो इसकी जिम्मेदारी  कौन लेगा ?

सरकार को चाहिए की वे अपने प्रतिनिधि को भेजकर जानकारी लें और अधिकारीयों को मुआएना के लिए भेजे. नगर पालिका बिरगांव के अधिकारीयों को भी चाहिए की वे इस रस्ते को देखें और त्वरित कार्यवाही करते हुए उरला-सरोरा रास्ते को दुरुस्त करे.
बाहर से अपना रायपुर शहर बहुत ही सुन्दर  दीखता है लेकिन रायपुर के औधोगिक  शेत्रों की देखभाल कौन करेगा.

सुदिप्तो चटर्जी 
समाज सेवी एवं 
छत्तीसगढ़ प्रदेश सचिव - अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना 

Thursday, June 13, 2013

विद्या भैया नहीं रहे

विद्या भैया नहीं रहे 




पुरे भारत  एवं बहार देशों में विद्या चरण शुक्ला  या वीसी  शुक्ला या वीसी के नाम से मशहूर थे हमारे सबके चहेते विद्या भैया। वे अपने समर्थकों को अपने साथ जोड़कर रखते थे तथा उनके अच्छे एवं बुरे समय में साथ देते थे या यूँ कहें की हमेशा साथ में रहते थे। उनके समर्थक भी उनसे बहुत ही प्यार करते थे और वे अपने विद्या भैया के कट्टर समर्थक थे। आज भी पुरे छत्तीसगढ़ प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में भी उनके लाखों समर्थक हैं जो आज रो रहें हैं अपने प्यारे भैया को खो देने से, वो भी इस तरह का अंत? 

सन 1957 में वे पहली बार सांसद बने फिर सेंट्रल  में  कैबिनेट मंत्री। उनका हाथ पकड़कर कितने नेताओं ने राजनीती सीखी और कितनों ने उनकी ऊँगली पकड़कर आगे बड़े। उनके सभी पार्टियों के प्रमुख नेतायों से आत्मीय सम्बन्ध थे तथा प्रमुख उद्योगपतियों से उनके गहरे सम्बन्ध थे ।उनका व्यक्तित्व उन्हें दूसरों से अलग रखता था। उनका व्यव्हार ही अलग था जो सभी को उनके तरफ आकृष्ट करता था।









विद्या चरण शुक्ला ने अपना पूरा जीवन एक शेर की भांति जिया। वे सचमुच के लीडर थे। कई बार तो वे प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुँच गए थे लेकिन भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया। मेरा भी सौभाग्य रहा उनका सान्निध्य पाने का। मैंने कई बार उनसे उनके रायपुर के लाभानडी स्थित उनके फार्म हाउस में मिला और उनहोंने तो कई बार मुझे अपने साथ बैठाकर भोजन भी कराया।


उनके जिस तरह के सम्बन्ध सभी प्रमुख पार्टियों के आला नेतायों से थे  , हमे लगा की वे सब उनके अंत्येष्टि में शामिल होंगे। हो सकता है की किसी व्यस्तता के चलते वे नहीं आ पाए वीसी के अंत्येष्टि पे। पर वे वीसी से मिलने मेदंता हॉस्पिटल में ज़रूर  गए , उनका हालचाल पुछा और जल्द स्वास्थलाभ की कामना भी किये। परन्तु विधाता ने कुछ और ही लिखा था जो सभी के द्वारा किये गए प्रार्थना आखरी में काम नहीं आयी।






विद्या भैया सभी के दिलों में राज करते आयें हैं और उनके मृत्यु उपरांत भी राज करते रहेंगे। परमात्मा से येही प्रार्थना है की उनके आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को इस दुःख की स्थिथि से लड़ने के लिए सहस दे।

Thursday, May 30, 2013

Haribhoomi-30th May-2013


News Published - 30th May-2013












Wednesday, May 29, 2013

अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना ने कृषि मंत्री को सौंपा ज्ञापन।

अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना 
ने कृषि मंत्री को सौंपा ज्ञापन।

अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना द्वारा कृषि मंत्री माननीय चंद्रशेखर साहू जी को पशु चारे को 1 रुपया किलो की दर से करने के लिए आज उनके निवास पर जाकर ज्ञापन सौंपा। तथा अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना ने यह भी मांग की , की चारा बैंक बनाया जाये। अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना ने कृषि मंत्री जी को इस बात से भी अवगत कराया की हमारे पशुयों को उचित मूल्य पर चारे की व्यवस्था नहीं  हो पाती , जिससे आम नागरिकों को यदि चारे का  दान भी करना है तो उचित व्यवस्था नहीं होने के कारन यह दान भी नहीं हो पाता है। यदि उचित व्यवस्था हो जाये तो आम नागरिकों को दान देने में कोई कठिनाई नहीं होंगी। अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना ने कृषि मंत्री जी से यह भी मांग की , की प्रत्येक तहसील और जिले स्तर में एक ऐसा स्थान बनाया जाये जहाँ पर 1 -रूपये किलो दर से चारे की व्यवस्था हो।इससे यह होगा की कोई भी व्यक्ति जो दान करना चाहे वो दान भी कर पाए और गौ-माता के लिए चारे की व्यवस्था सदैव रहे। इस विषय पर पहले भी हमने छत्तीसगढ़ राज्य के राज्यपाल तथा कलेक्टर महोदय को भी विप्र समाज द्वारा ज्ञापन दिया गया था साथ में हमने 9-सूत्रीय मांग भी राखी थी। 



आज कद इस मौके पर माननीय मंत्री जी के कार्यालय में गौ-माता की जय का नारा बहुत ही जोर-जोर से गूंजा। ज्ञापन सौंपने हेतु ब्राह्मण सेना के पंडित अजय त्रिपाठी, पंडित अमृतलाल विल्थरे , पंडित अमित शर्मा (अध्यक्ष ), पंडित अभिनव दुबे, पंडित सुदिप्तो चटर्जी, पंडित प्रदीप पाण्डेय, पंडित इश्वर चन्द्र शुक्ला , अभिषेक दुबे, नितिन शर्मा , निलेश शर्मा तथा ब्राह्मण सेना के सदस्यगण उपस्थित थे।

Monday, May 27, 2013

News Published-27th May-2013