Friday, March 29, 2013

केंद्रीय राज्य मंत्री माननीय डॉ चरणदास महंत जी से सौजन्य मुलाकात

होली के पूर्व संध्या पर समाज सेवी एवं अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना के छत्तीसगढ़ प्रदेश सचिव - सुदिप्तो चटर्जी ने केंद्रीय राज्य मंत्री माननीय डॉ चरणदास महंत जी से उनके रायपुर के निवास स्थान पर सौजन्य मुलाकात की और उन्हें होली की शुभकामनायें देते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किया। 



माननीय महंत जी को श्री चटर्जी ने अपने समाज सेवा कार्यों के बारे में जानकारी दी तथा अखिल भारतीय ब्राह्मण सेना द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया।

Thursday, March 28, 2013

News - Published in THE HITAVADA, on 27th March-2013.

News



Regarding HOLI and Preservation of WATER.
Published in THE  HITAVADA, 
on 27th March-2013.

News Published in Central Chronicle, Raipur on 25th March-2013



News of Mine published in Central Chronicle, 
News Paper, Raipur, Chhattisgarh on 
25th March-2013.

News Published in Aadhunik India, New Delhi on 25th March-2013 Issue.

New Published in Aadhunik India News paper, New Delhi.

As a Special Corresspondent oif Aadhunik India, This news was given by me from Chhattisgarh.

Interview of Dr. Charandas Mahant-25th March-2013-Issue of Aadhunik India, New Delhi

Interview of Dr. Charandas Mahant, Minister of State For Agriculture and Food Processing Industries, Govt. Of India, published in AADHUNIK  INDIA, NEW DELHI. Copy of the published article/Interviews is attached .





This interview was taken by me as a Special Correspondent of Aadhunik India News Paper, New Delhi.

Friday, March 22, 2013

छत्तीसगढ़ और देश के 10 राज्यों के शेत्रिय पार्टियाँ फ्रंट या अलायन्स बनाने के लिए जुटेंगे ।

छत्तीसगढ़ और देश के 10 राज्यों के शेत्रिय पार्टियाँ फ्रंट  या  अलायन्स बनाने के लिए जुटेंगे ।

यूपीए और एंडीए की तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ के शेत्रिय पार्टियाँ छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के तले  एक जुट होकर एक अलग फ्रंट या अलायन्स बनाने की तयारी कर रहे हैं। इसी क्रम में 18 और 19 मई को देश के 10 राज्यों के 15 शेत्रिय दलों को निमंत्रण भेजा जा रहा है। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ संयुक्त मोर्चा को खड़ा करने के बाद एक नई राजनितिक समीकरण बनाने में जुट गयी है। इस दो दिवसीय सेमिनार के लिए 10 राज्यों के 15 षेत्रीय दलों से संपर्क साधना शुरू हो गया है।

इस दो दिवसीय सेमिनार हेतु बिहार से राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यु और लोक जनशक्ति पार्टी , झारखण्ड से झारखण्ड विकास मोर्चा, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा , उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी , भारतीय लोकदल, ओडिशा से बीजू जनता दल , कर्णाटक से जनता दल सेक्युलर ; आंध्र प्रदेश से तेलेगुदेशम पार्टी और तेलन्गाना पार्टी , महाराष्ट्र से मनसे ; जम्मू कश्मीर से नेशनल कांफ्रेंस और पीडीएसपी ; तथा इसके आलावा छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, स्वाभिमान मंच, छग बहुजन समाज पार्टी , एनपिपि और अन्य प्रमुख नेताओं को इस बृहद सेमिनार हेतु आमंत्रण भेजने का क्रम शुरू हो गया है।

सबसे बड़ा सवाल ये है की यदि ये सब षेत्रीय दल एकजुट होकर एक नया फ्रंट या अलायन्स बनाते हैं तो इसका सीधा असर बीजेपी और कांग्रेस को पड़ेगा।न केवल छग विधानसभा चुनाव में बल्कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भी इसका जबरदस्त प्रभाव रहेगा। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच एक शशक्त विकल्प के रूप में उभर कर आया है और उन्ही के बैनर तले  इस भव्य विचार गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।

इससे यह प्रतीत हो रहा है की गटबंधन की राजनीती महत्त्वपूर्ण हो गई है। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच की इच्छा है की शेत्रिय पार्टियाँ एक जुट होकर एनडीए और यूपीए के समान एक अलायन्स स्थापित करें और देश की जनता के समक्ष एक और राजनितिक विकल्प प्रस्तुत करे। इन षेत्रीय पार्टियों में वे भी शामिल होंगे जो अपने पार्टी से खुश नहीं हैं या उन्हें तवज्जो नहीं मिल रही है। जब टिकेट बाँटने का समय आएगा तो तब समीकरण बहुत बदलेंगे। 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय राजनीती में षेत्रीय दलों की भूमिका , महत्त्व , तथा राष्ट्रीय राजनीती में षेत्रीय दलों के गठबंधन की परिस्थितियां और सम्भावना विषय पर सेमिनार, विचार  गोष्ठी का आयोजन  18 और 19 मई को प्रस्तावित है। अब देखना ये है की कितनी षेत्रीय पार्टियाँ इस सेमिनार में हिस्सा लेती हैं।

Thursday, March 21, 2013

कर्मयोगी - डॉ चरणदास महंत

कर्मयोगी - डॉ चरणदास महंत 


डॉ चरणदास महंत स्वर्गीय श्री बिसाहूदास महंत जी के सुयोग्य सुपुत्र हैं / स्वर्गीय श्री बिसाहूदास महंत जी चाम्पा  से कांग्रेस के विधायक थे और अविभाजित मध्य प्रदेश में कांग्रेस के शाशन काल में राज्य मंत्री थे। उनहोंने अपना पूरा जीवन लोगों को समर्पित कर दिया था।इसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए चरणदास महंत जी ने भी अपने आप को सामाजिक कार्यों के साथ जोड़ लिया और  कांग्रेस पार्टी की तरफ से जन सेवा में जुट गए।



चरणदास महंत जी ने पहली बार 1980 में विधायक के रूप में चुनाव जीता और मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक के रूप में अपनी पारी शुरू की तथा उन्होंने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता और दोबारा मध्य प्रदेश विधानसभा में पहुंचे। 1980  - 1990 तक विधायक के रूप में उन्हें कई महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गयी जिसे उनहोंने बखूबी निभाया।सन 1988 से 90 तक वे अविभाजित मध्य प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री के रूप में अपने कार्य का निर्वाहन किया।1993 के विधानसभा चुनाव में वे तीसरी बार विधायक के रूप में चुन कर आये  और उन्हें 1993 से 95 तक कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट का राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई जिसे भी उन्होंने बखूबी निभाया। सन 1995  से 1998 तक उनके कार्यों को देखते हुए उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने महंत जी को  जनसंपर्क और गृह विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया  जो अपने आप में बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी है। जनसंपर्क मंत्री बनना मतलब शाशन की छवि एवं शाशन द्वारा आम जनता के लिए उठाये जा रहे महत्त्वपूर्ण  फैसलों से अवगत कराना तथा मीडिया को शाशन के कार्यों की जानकारी देना तथा शाशन की छवि लोगों तक पहुँचाना भी उनके कन्धों पर था। 

12 वें , 13 वें और 15 वें लोकसभा के लिए वे कांग्रेस के सांसद के रूप में लोकसभा की गरिमा बड़ाई। 2009 के लोकसभा चुनाव  में वे भाजपा के चक्रव्यू को तोड़ते हुए छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के एक मात्र सांसद निर्वाचित हुए।छत्तीसगढ़ से बार-बार आवाज़ उठती रही की महंत जी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाये। 12 जुलाई 2011 को  महंत जी के कार्यों, कांग्रेस के प्रति लगन -निष्ठा को देखते हुए तथा जनता की मांग को सम्मान देते हुए कांग्रेस हाई कमान तथा प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने डॉ चरणदास महंत जी को  केंद्रीय कृषि एवं खाद प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री बनाया। यह समय समूचे छत्तीसगढ़ वासियों के लिए  हर्ष का दिन था। महंत जी को मिले इस महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी को वे बखूबी निभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

उनसे जब बात हो रही थी की आप ने अपने पूर्ण हुए एक वर्ष से अधिक समय में क्या क्या किया तो उनहोंने कहा की हमने कई महत्त्वपूर्ण फैसले लिए हैं जनता के लिए चाहे छत्तीसगढ़ के लिए हो या समूचे भारतवर्ष के लिए।

छत्तीसगढ़ के विकास के लिए उनहोंने - 2 मेगा फ़ूड पार्क की स्वीकृति प्रदान की, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम का रीजनल ऑफिस रायपुर में खोला गया, चार नए कृषि विज्ञानं केन्द्रों की स्वीकृति दी गई तथा नव-निर्मित जिलों में नविन कृषि विज्ञानं केंद्र खोलने की प्रक्रिया प्रारंभ है, छत्तीसगढ़ में पिछड़े जिलों में लघु कृषक कृषि व्यापर संघ के माध्यम से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत लगभग 34 करोड़ की समेकित आजीविका की विशेष परियोजना की स्वीकृति दी गई; बैकयार्ड पोल्ट्री विकास योजना के तहत राज्य के छह जिलों को 149.86 करोड़ रूपये निर्मुक्त किये गये ; कोरिया जिले में कोयला मंत्रालय के माध्यम से 
एसइसीएल के द्वारा नवीन हॉस्पिटल स्थापित करने की स्वीकृति दी गई ; राष्ट्रीय बाल श्रम कार्यक्रम के अंतर्गत बाल श्रमिकों की शिक्षा , आहार ,फीस एवं वस्त्र के लिए 1 करोड़ 60 लाख किप्रथम क़िस्त स्वीकृत; तथा अनेको कार्यो की स्वीकृति प्रदान की गई तथा कुछ कार्य प्रारंभ भी हो चुके हैं।

राष्ट्रीय स्टार पर तो उन्होंने दुग्ध उत्पादन वृद्धि एवं आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्रीय डेरी योजना का प्रथम चरण अप्रैल 2012 में आनंद से सुभारम्भ हुआ; प्रत्येक राज्यों में खाद्य प्रसंस्करण मिशन की स्थापना हेतु स्वीकृति दी गई है; मत्स्य विकास ; अनाज विकास, बागवानी आदि के महत्वपूर्ण कार्यों की समीक्षा चल रही है और आगे सभी लिए गए फैसलों पर अमल भी होगा।

महंत जी जब 2005 से 2008 तक छत्तीसगढ़ प्रदेश के कांग्रेस पार्टी के कभी कार्यवाहक अध्यक्ष थे तो कभी  मुखिया के तौर पर कार्य कर रहे  थे तब उनहोंने सभी को जोड़ने का अभूतपूर्व कार्य किया। उस समय उनके मार्गदर्शन से कांग्रेस ने कई उन्चैयाँ  छुई।  उनके कार्यों को देखते हुए कांग्रेस हाई कमान ने वर्ष 2006 में उन्हें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया।

चरणदास महंत जी बहुत ही सरल व्यक्तित्व के धनि हैं। उनका जन्म 13 दिसम्बर 1954 को सारागांव ,जिला जांजगीर -चाम्पा में हुआ था। वे पढाई -लिखाई में भी तेज थे। उनहोंने अपने मेहनत से एमएससी ,एम ए , एल एल बी  तथा डॉक्टरेट की डिग्री अपने दम पर हासिल किया।शुरू से ही वे सामाजिक कार्य करते रहते थे तथा उन्होंने कई सामाजिक कार्यक्रम करवाया।वे खेती-किसानी भी करते हैं।

जब हमने पूछा  की यदि वक्त मिलता है तो आप क्या करते हैं? उनहोंने कहा की मेरा प्राइम इंटरेस्ट है पढाई  में, पेंटिंग  में। और यदि हॉबी बोलेंगे तो म्यूजिक , घूमना , परिवार के साथ बैठकर गपशप मारना इत्यादि है।

हमने जब पूछा महंत जी से की आपका जीवन का मूलमंत्र क्या है?  उनहोंने जवाब दिया - "कर्म की उपासना " ही मेरी ज़िन्दगी का मूलमंत्र है और जब तक जीवित रहूँगा प्रदेश एवं देशवासियों के लिए कार्य करता रहूँगा।


------सुदिप्तो चटर्जी 
         स्वतंत्र पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता 
         रायपुर , छत्तीसगढ़ 

Monday, March 18, 2013

Water Conservation is necessary for our coming Generation

Water Conservation is necessary for our coming Generation.We should save regularly minimum 5-6 litres of water daily  by which altogether we can save gallons of water. In our planet only 5% water is for drinking purpose. Hence we should all do the needful to save our planet, our coming generation else we might face war for Water.













I as a Social Worker appeal to the people to save water and also put Rain Water Harvesting system in each & Every House to preserve the Rain Water. Government, NGO's and all other social committee should convince people to put rain water harvesting system in their houses, and give them the information that if we will not save the water then what worse situation we are going to face in future.




Saturday, March 16, 2013

Planning with Time Management


Planning with Time Management


The role of management is very important for an organization to run smoothly and successfully by following the management principles told by Henry Fayol (1841-1925) which I have already discussed in previous edition. In this edition we will discuss on- Planning with time Management”.

Planning means looking ahead and chalking out future courses of action to be followed. It is a preparatory step. It is a systematic activity which determines when, how and who is going to perform a specific job. Planning is a detailed programme regarding future courses of action. It is rightly said “Well plan is half done”. 

According to Koontz & O’Donell, “Planning is deciding in advance what to do, how to do and who is to do it. Planning bridges the gap between where we are to, where we want to go. It makes possible things to occur which would not otherwise occur”.

Before going to do planning, first prepare a flow-chart from where you will start and by which way you will go, what will be the requirements and from which department you need data and cooperation to attain the objective. So planning is a very important part of every management, also we have to keep in mind i.e vision 10years after what can happen and according to that smooth planning is required with proper time of completion.






During planning process, Time factor is also an important part because when we are doing planning for any project or work we have to keep in mind the time required to complete it because within the target time if work or project is done then it will be highly beneficial for the company / organization.
So time management is equally important as Planning management.

Suppose u enter in a company as management trainee and you have aim and ambition to reach a height before getting retirement. Suppose say you want to become General Manager of the company. To become a GM of the company you have to do proper planning with proper flow diagram during management trainee period by keeping in mind the time factor also. Time and planning is very important. Always be in time i.e punctual. As you are in the company , you will very well know that which work will take how much time, your job is to do the job efficiently and effectively before the time you aimed. This will then will be a highly time management quality.

So always do proper planning with proper Time management, then success is yours.

Wednesday, March 13, 2013

पानी का संग्वर्धन अतिआवश्यक है /.

पानी का संग्वर्धन अतिआवश्यक है /.

समूचे पृथ्वी में 70 % पानी है जिसमे से केवल 5 % पानी पीने योग्य है/. हम पानी को ज्यों -तेयों खर्च करते जाते हैं/. हम भूल जाते हैं की यदि हम अभी से पानी का संग्वर्धन नहीं करेंगे तो आगे चलकर हमारी आनेवाली पीड़ी को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पद सकता है. / कई घरों में, ऑफिस में एवं इत्यादि जगहों पर नल को या तो बंध  नहीं करते हैं या आधा खुला छोड़ देते हैं/.इससे पानी की बर्बादी होती है न की उसका प्रिजर्वेशन / इस तरह यदि हम पानी का दुरूपयोग करेंगे तो चरों तरफ पानी की हाहाकार मच जाएगी/. अभी से ही पानी पौच  में , बोतल में बिक रहे हैं और धीरे धीरे इनके दर में भी इजाफा हो रहा है /.
ऐसा चलता रहा तो आगे हमे इतनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा की जिसका हम हल ही धुंडते रहेंगे और पानी-पानी करते रहेंगे/.





अभी तो बस गर्मी का आगाज़ हुआ है और पानी का किल्लत देखने को मिल रहा है /. गाँव में हालत और ख़राब हो सकती है यदि हम अभी से उचित कदम न उठायें तो./ लोगों को कई मिल चलकर पिने का पानी आज भी गाँव के लोग लाने  को मजबूर है क्यूँ की उनके वहां पानी का समुचित व्यवस्था नहीं है/. रायपुर के गाँव फुंदर, अग्रसेन धाम के आस -पास पानी की बहुत कमी है /. सरकार  को शहर के आलावा बाहरी शेत्रों में भी पानी का इन्तेजाम दुरुस्त करना होगा / कंक्रीट से बने रोड के कारन भी पानी ज़मीन के अंदर नहीं जा प् रहा है /. समस्या आगे गंभीर रूप धारण करने जा रहा है/.

हमे चाहिए की हम जितना हो सके पानी का इस्तेमाल कम करे और हर रोज़ एक-से-दो-बाल्टी पानी हम बचाएं जिससे कई लाखो लीटर पानी का संग्वर्धन हो सकेगा / बरसात के दिनों में तो हम सभी को रेन  वाटर हार्वेस्टिंग के तहत पानी का संग्वर्धन करना चहिये. सर्कार इसके लिए कड़ी नियम बना दे, जिससे लोग मजबूर होंगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए तथा पानी का रीसायकल भी होना ज़रूरी है//

सरकार  के आलावा एनजीओ तथा स्वयं सेवी संस्था को आगे आना चाहिए और लोगों को घर-घर जाकर पानी की उपयोगिता, उसका संग्वर्धन के बारे में जानकारी देनी चाहिए /. अख़बार में प्रचार करने से ज्यादा फायेदा घर-घर जाकर प्रचार करने से मिलेग।

सामने रंगों का उत्सव होली आ रही है। इसमें भी पानी खूब खर्च होता है। हम सब मिलकर ये प्रण करें  की रंगों को पानी में  घोलकर नहीं खेलेंगे। केवल सुखी होली ही खेलेंगे। इससे हज़ारों लीटर पानी बर्बाद होने से बच जायेगा /
आइये हम शपथ करें की हम सभी मिलकर पानी को बचायेंगे और इस रंगों के त्येओहर में सुखी होली से सभी को रंगेंगे। पानी रहेगा तो धरती रहेगी, और धरती रहेगी तो हम सभी रहेंगे।

Sunday, March 10, 2013

छत्तीसगढ़ में पकड़ रहा है चुनावी रंग .

छत्तीसगढ़ में पकड़ रहा है चुनावी रंग .

छत्तीसगढ़ में विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले तक कई महत्वपूर्ण घोषणाएं हुई जो आगामी विधानसभा के मद्धेनजर थी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमण सिंह ने अपने बजट में भी 5% वैट में छुट दिया और 270 रुपये का बोनस किसानो को दिए, जो हो सकता है आगामी विधानसभा चुनाव में ब्रह्मास्त्र के रूप में काम करे / नए जिलों के स्थापना दिवस में भी कड़ोरो रूपये के विकास कार्यों की घोशनाएँ हुई जो आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए किया गया / 





इसी बीच आदिवासी शेत्रों से आदिवासी मुख्यमंत्री की धीमी मांग उठ रही है / पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविन्द नेताम ने संगमा जी का दामन  थाम , साथ ही छत्तीसगढ़ में कुछ और पार्टियाँ एक साथ मिलकर तीसरे मोर्चे की गठन होने की औपचारिक घोषणा  की तैयारी में हैं/ और तीसरा मोर्चा छत्तीसगढ़ के सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा  भी कर दिया है लेकिन उस तीसरे मोर्चे में जो जो पार्टियाँ शामिल है वो कौन -कौन से सीटों पर लड़ेगी इसकी मंत्रणा चल रही है/. अरविन्द नेताम जी जो पहले कांग्रेस में थे वे अब तीसरे मोर्चे की कमान सम्हालेंगे और हो सकता है बस्तर में कांग्रेस को कमजोर करेंगे , क्यूँ की उनकी बस्तर में अच्छी पकड़ है और पहले वे पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ल के कट्टर समर्थक  के रूप में जाने जाते थे/. छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच भी भाजपा से टूटकर बनी है, हो सकता है दुर्ग ,भिलाई, राजनंदगांव इत्यादि जगह पर भाजपा को वे  कमजोर करे /

अभी से भाजपा एवं कांग्रेस के  युवा नेता लोगों को अपने साथ जोड़ने में लगे हुए हैं/ वे अभी से युवाओं को अपने पार्टी तले  लाने की पूरी कोशिश कर रहें हैं और सदस्यता अभियान चला रहा है/. आगामी 22 मार्च को विधानसभा सत्र ख़तम होगा और 27 मार्च को होली के बाद चुनावी शंखनाद होगा /. अंदर की खबर ये भी है की दोनों पार्टियों के  कुछ नेता तवज्जु न मिलने के कारण खफा भी हैं /. उन्हें भी मानाना पड़ेगा/. नोवेल वर्मा जो पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रमुख थे , उनहोंने भी इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा भी है लेकिन औपचारिक घोषणा नहीं हुई और उनके जगह पर राकांपा ने अपने पूर्व नेता स्वर्गीय रामावतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी को छत्तीसगढ़ राकांपा का अध्यक्ष नियुक्त किया है/. कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ अब होली के बाद चुनावी रंग में डूब जायेगा /. जोड़-तोड़ की राजनीती होने की सम्भावना प्रबल है /.  और जिन-जिन नेताओं को पार्टी से टिकेट नहीं मिलेगा वे भी अपनी ज़मीन तलाषेंगे / आने वाला एक वर्ष छत्तीसगढ़ में चुनावी वर्ष रहेगा /

Thursday, March 7, 2013

GLOSS-2008

GLOSS-2008

GLOBAL  SUMMIT ON  SUSTAINABLE  DEVELOPMENT AT RAIPUR IN THE YEAR-2008.
MANY INDIAN AND FOREIGN DIGNITORIES, STUDENTS CAME TO ATTEND THIS SEMINAR AND SHOW THE RESEARCH ON SUSTAINABLE DEVELOPMENT.

                                          Me with Famous Advocate of Supreme court.

I WAS A MEDIA COORDINATOR OF GLOSS-2008.AT THAT TIME I WAS DY.GENERAL MANAGER IN JANSATTA(HINDI EDITION OF INDIAN EXPRESS GROUP).
                                          Me with Dr. R.N.Pati


THIS WAS MAINLY FOCUSED ON GLOBAL WARMING, ITS EFFECT AND HOW TO COPE-UP WITH THAT.

With My Paternal Grand Mother

With My Paternal Grand Mother 
Late Smt Chapola Chatterjee 
at Bilaspur Chhattisgarh during Durga Puja Festival..

This photo was taken in the year 1985-86

When I was in Jansatta-2008