Thursday, March 21, 2013

कर्मयोगी - डॉ चरणदास महंत

कर्मयोगी - डॉ चरणदास महंत 


डॉ चरणदास महंत स्वर्गीय श्री बिसाहूदास महंत जी के सुयोग्य सुपुत्र हैं / स्वर्गीय श्री बिसाहूदास महंत जी चाम्पा  से कांग्रेस के विधायक थे और अविभाजित मध्य प्रदेश में कांग्रेस के शाशन काल में राज्य मंत्री थे। उनहोंने अपना पूरा जीवन लोगों को समर्पित कर दिया था।इसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए चरणदास महंत जी ने भी अपने आप को सामाजिक कार्यों के साथ जोड़ लिया और  कांग्रेस पार्टी की तरफ से जन सेवा में जुट गए।



चरणदास महंत जी ने पहली बार 1980 में विधायक के रूप में चुनाव जीता और मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक के रूप में अपनी पारी शुरू की तथा उन्होंने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता और दोबारा मध्य प्रदेश विधानसभा में पहुंचे। 1980  - 1990 तक विधायक के रूप में उन्हें कई महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गयी जिसे उनहोंने बखूबी निभाया।सन 1988 से 90 तक वे अविभाजित मध्य प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री के रूप में अपने कार्य का निर्वाहन किया।1993 के विधानसभा चुनाव में वे तीसरी बार विधायक के रूप में चुन कर आये  और उन्हें 1993 से 95 तक कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट का राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई जिसे भी उन्होंने बखूबी निभाया। सन 1995  से 1998 तक उनके कार्यों को देखते हुए उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने महंत जी को  जनसंपर्क और गृह विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया  जो अपने आप में बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी है। जनसंपर्क मंत्री बनना मतलब शाशन की छवि एवं शाशन द्वारा आम जनता के लिए उठाये जा रहे महत्त्वपूर्ण  फैसलों से अवगत कराना तथा मीडिया को शाशन के कार्यों की जानकारी देना तथा शाशन की छवि लोगों तक पहुँचाना भी उनके कन्धों पर था। 

12 वें , 13 वें और 15 वें लोकसभा के लिए वे कांग्रेस के सांसद के रूप में लोकसभा की गरिमा बड़ाई। 2009 के लोकसभा चुनाव  में वे भाजपा के चक्रव्यू को तोड़ते हुए छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के एक मात्र सांसद निर्वाचित हुए।छत्तीसगढ़ से बार-बार आवाज़ उठती रही की महंत जी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाये। 12 जुलाई 2011 को  महंत जी के कार्यों, कांग्रेस के प्रति लगन -निष्ठा को देखते हुए तथा जनता की मांग को सम्मान देते हुए कांग्रेस हाई कमान तथा प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने डॉ चरणदास महंत जी को  केंद्रीय कृषि एवं खाद प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री बनाया। यह समय समूचे छत्तीसगढ़ वासियों के लिए  हर्ष का दिन था। महंत जी को मिले इस महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी को वे बखूबी निभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

उनसे जब बात हो रही थी की आप ने अपने पूर्ण हुए एक वर्ष से अधिक समय में क्या क्या किया तो उनहोंने कहा की हमने कई महत्त्वपूर्ण फैसले लिए हैं जनता के लिए चाहे छत्तीसगढ़ के लिए हो या समूचे भारतवर्ष के लिए।

छत्तीसगढ़ के विकास के लिए उनहोंने - 2 मेगा फ़ूड पार्क की स्वीकृति प्रदान की, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम का रीजनल ऑफिस रायपुर में खोला गया, चार नए कृषि विज्ञानं केन्द्रों की स्वीकृति दी गई तथा नव-निर्मित जिलों में नविन कृषि विज्ञानं केंद्र खोलने की प्रक्रिया प्रारंभ है, छत्तीसगढ़ में पिछड़े जिलों में लघु कृषक कृषि व्यापर संघ के माध्यम से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत लगभग 34 करोड़ की समेकित आजीविका की विशेष परियोजना की स्वीकृति दी गई; बैकयार्ड पोल्ट्री विकास योजना के तहत राज्य के छह जिलों को 149.86 करोड़ रूपये निर्मुक्त किये गये ; कोरिया जिले में कोयला मंत्रालय के माध्यम से 
एसइसीएल के द्वारा नवीन हॉस्पिटल स्थापित करने की स्वीकृति दी गई ; राष्ट्रीय बाल श्रम कार्यक्रम के अंतर्गत बाल श्रमिकों की शिक्षा , आहार ,फीस एवं वस्त्र के लिए 1 करोड़ 60 लाख किप्रथम क़िस्त स्वीकृत; तथा अनेको कार्यो की स्वीकृति प्रदान की गई तथा कुछ कार्य प्रारंभ भी हो चुके हैं।

राष्ट्रीय स्टार पर तो उन्होंने दुग्ध उत्पादन वृद्धि एवं आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्रीय डेरी योजना का प्रथम चरण अप्रैल 2012 में आनंद से सुभारम्भ हुआ; प्रत्येक राज्यों में खाद्य प्रसंस्करण मिशन की स्थापना हेतु स्वीकृति दी गई है; मत्स्य विकास ; अनाज विकास, बागवानी आदि के महत्वपूर्ण कार्यों की समीक्षा चल रही है और आगे सभी लिए गए फैसलों पर अमल भी होगा।

महंत जी जब 2005 से 2008 तक छत्तीसगढ़ प्रदेश के कांग्रेस पार्टी के कभी कार्यवाहक अध्यक्ष थे तो कभी  मुखिया के तौर पर कार्य कर रहे  थे तब उनहोंने सभी को जोड़ने का अभूतपूर्व कार्य किया। उस समय उनके मार्गदर्शन से कांग्रेस ने कई उन्चैयाँ  छुई।  उनके कार्यों को देखते हुए कांग्रेस हाई कमान ने वर्ष 2006 में उन्हें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया।

चरणदास महंत जी बहुत ही सरल व्यक्तित्व के धनि हैं। उनका जन्म 13 दिसम्बर 1954 को सारागांव ,जिला जांजगीर -चाम्पा में हुआ था। वे पढाई -लिखाई में भी तेज थे। उनहोंने अपने मेहनत से एमएससी ,एम ए , एल एल बी  तथा डॉक्टरेट की डिग्री अपने दम पर हासिल किया।शुरू से ही वे सामाजिक कार्य करते रहते थे तथा उन्होंने कई सामाजिक कार्यक्रम करवाया।वे खेती-किसानी भी करते हैं।

जब हमने पूछा  की यदि वक्त मिलता है तो आप क्या करते हैं? उनहोंने कहा की मेरा प्राइम इंटरेस्ट है पढाई  में, पेंटिंग  में। और यदि हॉबी बोलेंगे तो म्यूजिक , घूमना , परिवार के साथ बैठकर गपशप मारना इत्यादि है।

हमने जब पूछा महंत जी से की आपका जीवन का मूलमंत्र क्या है?  उनहोंने जवाब दिया - "कर्म की उपासना " ही मेरी ज़िन्दगी का मूलमंत्र है और जब तक जीवित रहूँगा प्रदेश एवं देशवासियों के लिए कार्य करता रहूँगा।


------सुदिप्तो चटर्जी 
         स्वतंत्र पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता 
         रायपुर , छत्तीसगढ़ 

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