Wednesday, March 13, 2013

पानी का संग्वर्धन अतिआवश्यक है /.

पानी का संग्वर्धन अतिआवश्यक है /.

समूचे पृथ्वी में 70 % पानी है जिसमे से केवल 5 % पानी पीने योग्य है/. हम पानी को ज्यों -तेयों खर्च करते जाते हैं/. हम भूल जाते हैं की यदि हम अभी से पानी का संग्वर्धन नहीं करेंगे तो आगे चलकर हमारी आनेवाली पीड़ी को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पद सकता है. / कई घरों में, ऑफिस में एवं इत्यादि जगहों पर नल को या तो बंध  नहीं करते हैं या आधा खुला छोड़ देते हैं/.इससे पानी की बर्बादी होती है न की उसका प्रिजर्वेशन / इस तरह यदि हम पानी का दुरूपयोग करेंगे तो चरों तरफ पानी की हाहाकार मच जाएगी/. अभी से ही पानी पौच  में , बोतल में बिक रहे हैं और धीरे धीरे इनके दर में भी इजाफा हो रहा है /.
ऐसा चलता रहा तो आगे हमे इतनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा की जिसका हम हल ही धुंडते रहेंगे और पानी-पानी करते रहेंगे/.





अभी तो बस गर्मी का आगाज़ हुआ है और पानी का किल्लत देखने को मिल रहा है /. गाँव में हालत और ख़राब हो सकती है यदि हम अभी से उचित कदम न उठायें तो./ लोगों को कई मिल चलकर पिने का पानी आज भी गाँव के लोग लाने  को मजबूर है क्यूँ की उनके वहां पानी का समुचित व्यवस्था नहीं है/. रायपुर के गाँव फुंदर, अग्रसेन धाम के आस -पास पानी की बहुत कमी है /. सरकार  को शहर के आलावा बाहरी शेत्रों में भी पानी का इन्तेजाम दुरुस्त करना होगा / कंक्रीट से बने रोड के कारन भी पानी ज़मीन के अंदर नहीं जा प् रहा है /. समस्या आगे गंभीर रूप धारण करने जा रहा है/.

हमे चाहिए की हम जितना हो सके पानी का इस्तेमाल कम करे और हर रोज़ एक-से-दो-बाल्टी पानी हम बचाएं जिससे कई लाखो लीटर पानी का संग्वर्धन हो सकेगा / बरसात के दिनों में तो हम सभी को रेन  वाटर हार्वेस्टिंग के तहत पानी का संग्वर्धन करना चहिये. सर्कार इसके लिए कड़ी नियम बना दे, जिससे लोग मजबूर होंगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए तथा पानी का रीसायकल भी होना ज़रूरी है//

सरकार  के आलावा एनजीओ तथा स्वयं सेवी संस्था को आगे आना चाहिए और लोगों को घर-घर जाकर पानी की उपयोगिता, उसका संग्वर्धन के बारे में जानकारी देनी चाहिए /. अख़बार में प्रचार करने से ज्यादा फायेदा घर-घर जाकर प्रचार करने से मिलेग।

सामने रंगों का उत्सव होली आ रही है। इसमें भी पानी खूब खर्च होता है। हम सब मिलकर ये प्रण करें  की रंगों को पानी में  घोलकर नहीं खेलेंगे। केवल सुखी होली ही खेलेंगे। इससे हज़ारों लीटर पानी बर्बाद होने से बच जायेगा /
आइये हम शपथ करें की हम सभी मिलकर पानी को बचायेंगे और इस रंगों के त्येओहर में सुखी होली से सभी को रंगेंगे। पानी रहेगा तो धरती रहेगी, और धरती रहेगी तो हम सभी रहेंगे।

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