बसपा ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में 24 सीटों पर
उम्मीदवार घोषित कर दिया।
बहुजन समाज पार्टी ने आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को देखते हुए पहले से ही अपने 24 उम्मीदवारों की सूचि तैयार कर घोषित भी कर दिया। उम्मीदवार घोषित करने के मामले में बसपा ने बाजी मारी,अब देखना यह है की चुनाव में भी वे बाजी मारते हैं की नहीं।
एक तरफ छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच जहाँ दुसरे राज्यों के शेत्रियों पार्टियों को जोड़कर अलायन्स बनाने की तयारी कर रही है ठीक उसी बीच बसपा ने 24 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिया जो की बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर हुआ। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के नेता अभी दिल्ली में डेरा डालकर शरद यादव , राम विलास पासवान, मुलायम सिंह यादव , अजित सिंह, केजरीवाल इत्यदि हाई फ्रोफईल षेत्रीय पार्टियों के सुप्रीमो से मिलकर बातचीत भी कर लिए हैं और उन्हें छत्तीसगढ़ में 18 एवं 19 मई को होने वाले राष्ट्रीय सेमिनार के लिए आमंत्रित किया। साथ ही छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच बचे हुए दुसरे राज्यों के षेत्रीय पार्टियों के
सुप्रीमो को 18 एवं 19 मई को होने वाले राष्ट्रीय सेमिनार के लिए आमंत्रित किया है। यदि विधानसभा चुनाव के लिए अलायन्स नहीं होता है तो कम से कम आगामी लोकसभा चुनाव के मद्धेनाज़र षेत्रीय पार्टियों के राष्ट्रीय गटबंधन आरपीए बनने की सम्भावना है।
यदि ये अलायन्स बन गया तो इसमें सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है छत्तीसगढ़ में।
सुगबुगाहट ये भी है की भाजपा में तवज्जो न मिलने के कारन कई नेता बहुत ही खफा हैं , यदि उन्हें टिकेट या जिम्मेदारी नहीं मिलती है तो हो सकता है की वे अलायन्स के तरफ जाये या कांग्रेस के तरफ। इससे भाजपा भी मुश्किल में आ सकती है। कांग्रेस तो इस बार सर्वे के आधार पर टिकेट बाँटने की तयारी कर रही है , लेकिन जो पहले से आवेदन किये होंगे उनका फिर क्या ? यहाँ भी घमासान होने की उम्मीद है।
लेकिन छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में अभी थोडा वक्त है, इसलिए अभी से ज्यादा कुछ कहना जल्दबाजी होगा। समीकरण बनते और बिगड़ते रहते हैं।
उम्मीदवार घोषित कर दिया।
बहुजन समाज पार्टी ने आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को देखते हुए पहले से ही अपने 24 उम्मीदवारों की सूचि तैयार कर घोषित भी कर दिया। उम्मीदवार घोषित करने के मामले में बसपा ने बाजी मारी,अब देखना यह है की चुनाव में भी वे बाजी मारते हैं की नहीं।
एक तरफ छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच जहाँ दुसरे राज्यों के शेत्रियों पार्टियों को जोड़कर अलायन्स बनाने की तयारी कर रही है ठीक उसी बीच बसपा ने 24 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिया जो की बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर हुआ। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के नेता अभी दिल्ली में डेरा डालकर शरद यादव , राम विलास पासवान, मुलायम सिंह यादव , अजित सिंह, केजरीवाल इत्यदि हाई फ्रोफईल षेत्रीय पार्टियों के सुप्रीमो से मिलकर बातचीत भी कर लिए हैं और उन्हें छत्तीसगढ़ में 18 एवं 19 मई को होने वाले राष्ट्रीय सेमिनार के लिए आमंत्रित किया। साथ ही छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच बचे हुए दुसरे राज्यों के षेत्रीय पार्टियों के
सुप्रीमो को 18 एवं 19 मई को होने वाले राष्ट्रीय सेमिनार के लिए आमंत्रित किया है। यदि विधानसभा चुनाव के लिए अलायन्स नहीं होता है तो कम से कम आगामी लोकसभा चुनाव के मद्धेनाज़र षेत्रीय पार्टियों के राष्ट्रीय गटबंधन आरपीए बनने की सम्भावना है।
यदि ये अलायन्स बन गया तो इसमें सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है छत्तीसगढ़ में।
सुगबुगाहट ये भी है की भाजपा में तवज्जो न मिलने के कारन कई नेता बहुत ही खफा हैं , यदि उन्हें टिकेट या जिम्मेदारी नहीं मिलती है तो हो सकता है की वे अलायन्स के तरफ जाये या कांग्रेस के तरफ। इससे भाजपा भी मुश्किल में आ सकती है। कांग्रेस तो इस बार सर्वे के आधार पर टिकेट बाँटने की तयारी कर रही है , लेकिन जो पहले से आवेदन किये होंगे उनका फिर क्या ? यहाँ भी घमासान होने की उम्मीद है।
लेकिन छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में अभी थोडा वक्त है, इसलिए अभी से ज्यादा कुछ कहना जल्दबाजी होगा। समीकरण बनते और बिगड़ते रहते हैं।
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