25 मई को हुई नाक्साली हमले में मारे गए कांग्रेस के बड़े नेता एवं कार्यकर्तायों के प्रति मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपना संवेदना व्यक्त करता हूँ और भगवन से प्रार्थना करता हूँ की उनके परिवार को इस दुःख की स्तिथि से निपटने के लिए शक्ति दे। कल जो घटना घटित हुई , यह लोकतंत्र के मुह पर तमाचा है। ऐसी घटना किसी राजनितिक दल पर पहली बार हुआ है। छत्तीसगढ़ एवं देश की जनता इस जघन्य वारदात के कारन स्तब्ध है।
मै नक्सलियों से अपील करना चाहूँगा की वे बन्दुक की रास्ता छोड़कर मूल धारा में लौट आयें। उन्हें जो भी दिक्कतें है वे सरकार के समक्ष रखें और हल निकले। यदि स्तिथि ऐसी रहेगी तो बस्तर का विकास कैसे होगा, विकास नहीं होगा तो रोजगार नहीं मिलेंगे और वे अपना जीवन स्तर को उठा नहीं पाएंगे।
सुदिप्तो चटर्जी
सामाजिक कार्यकर्ता
मै नक्सलियों से अपील करना चाहूँगा की वे बन्दुक की रास्ता छोड़कर मूल धारा में लौट आयें। उन्हें जो भी दिक्कतें है वे सरकार के समक्ष रखें और हल निकले। यदि स्तिथि ऐसी रहेगी तो बस्तर का विकास कैसे होगा, विकास नहीं होगा तो रोजगार नहीं मिलेंगे और वे अपना जीवन स्तर को उठा नहीं पाएंगे।
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