Friday, January 25, 2013

ये क्या हो रहा है

ये क्या हो रहा है /.

सुबह अखबार पड़ो या टीवी पर समाचार देखो एक न एक न्यूज़ बलात्कार का रहता है /.बीच में तो इन सब समाचारों की बाड़ सी आ गई थी /.सुबह फ्रेश मूड में उठो और अख़बार खोलते ही इन सब जघन्य कृत्यों से रूबरू होना पड़े तो  मूड का सत्यानास  हो जाता है /.घर के बच्चों पर भी विपरीत असर पड़ता  हैं /. आज भी कई   मामले समाचार पत्र और न्यूज़ चैनल से पता लगा /. इतने सब होने के बावजूद इन कृत्यों को अंजाम देने वालो  के मन में कोई डर नही है /. पुरे देशभर से आवाजें उठ रही है लेकिन इन कृत्यों में  कमी नहीं आ रही है /. केंद्र शाशन , राज्य शाशन ,सामाजिक संस्थाओं को मिलकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है /. सभी स्कूलों और कलेजों में कौन्सेल्लिंग की क्लास  अनिवार्य रूप से होना चाहिए विशेष रूप से 13 से 17 साल के बच्चों का तो कौंसेल्लिंग होना ही चाहिए /.इस बड़ती  उम्र में जिज्ञासा भी रहती है सेक्स के बारे में /. इन जिग्यासयों का सठिक उत्तर एक साइकेट्रिस्ट कोउन्सेल्लिंग के द्वारा तथा माँ -बाप बिना झीजक के अपने बच्चों को देना चाहिए /. लड़कों का भी शादी का उम्र 21 से 18 कर देने पर विचार करना चाहिए /. इस प्रकार का जुर्म सेक्स के प्रति जिज्ञासा तथा चाह के कारण होता है /. यह केवल शहर तक न सीमित रहे अपितु गांव -देहात के बच्चों तथा लोगों का भी कौन्सेल्लिंग तथा सेक्स के बारे में समझाना बहुत ही जरूरत है। सभी को इसके लिए आगे आने की ज़रूरत है तथा पुलिस को भी इसमें शामिल कर उनकी मदद हमे करनी चाहिए /.

शाशन इसके बारे में गम्भीरता से सोचे , कदम उठाये और कठोर नियम बनाये जिससे अपराध करने वाले और इस ओर अपना दिमाग दौड़ाने वालों के मन में दहशत हो /. जहाँ भी सस्पेक्ट लगे वहां लोगों को आवाज़ उठाना चाहिए और तुरंत पुलिस को खबर देनी चाहिए /. आजकल लड़कियां यदि पार्क या गार्डन में बैठते हैं तो भी अपना चेहरा पूरी तरह ढक के रखते हैं /.यह भी एक प्रकार का फैशन हो गया है /.इसमें कौन बैठा  है , किसके साथ बैठा है पता ही नहीं चलता /.रायपुर के आउटर में यह नज़ारा आम है /.कोई घटना घट जाये तो अधिकतर समय लड़कों को दोषी ठहराया  जाता है / इन सब मामलों, जो दोनों की रज़ामंदी से घटे तब दोनों से पुचताच करनी चाहिए /.केवल लड़को को एक तरफा दोषी ठहराना उचित नहीं है /. चूँकि कानून अधिकतर लड़कियों के तरफ है तो उसका गलत फायेदा भी उठाया जाता है /.इन सब मामलों में पुलिस को गहराई तक छानबीन करना चाहिए /.







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