एक गाड़ी > तीन सवारी > खतरनाक
एक गाड़ी तीन सवारी /. कोई डर नहीं , जोखिम लेने में सक्षम , पुलिस का भी भय नहीं - चल मेरे गाड़ी/. रायपुर शहर में पहले की तुलना में लोगों एवं गाड़ियों की संख्या में बहुत ही अधिक वृद्धि हुई है /. निम्न वर्ग , माध्यम वर्ग के लोगों के घर में अधिकतर एक ही गाड़ी होती है / लेकिन सवारी अनेक /. अब बिचारे क्या करे , एक साथ जाना हो तो सब एक ही में सवार /. स्कूल - कॉलेज के बच्चे फिल्मी स्टाइल में तीन सवारी बैठाकर चलाने में , करतब दिखाने में, उस्ताद होते हैं। इन्हें किसी का भय नहीं, जानते हैं पकड़े गए तो पापा -चाचा हैं न बचा लेंगे /.लेकिन उनको खतरे का अंदाजा नहीं होता है / घर के बड़ो को चाहिए की उन्हें ट्रैफिक नियमों के बारे में बताये जिससे वे नियमों का पालन करते हुए गाड़ी चलायें /. वैसे भी बालिग होने तक तो उन्हें गाड़ी देना बड़ी भूल है / इस बारे में तो घर वाले और ट्रैफिक पोलिस ही बता पाएंगे /.
तिन सवारी पर तो ट्रैफिक पोलिस की पैनिह नज़र होनी चाहिए /. गाड़ी में अधिक सामान हो तो पकड़ते हैं, लेकिन तीन सवारी को क्यूँ नहीं /. ऐसे में एक्सीडेंट का खतरा बहुत ही बड़ जाता है/
हम आम नागरिक को भी इस और ध्यान देना होगा की हम तीन सवारी दो पहिये वाहन में नहीं बैठाएंगे और कोशिश करेंगे की बच्चे भी दो पहिया वाहन लेकर स्कूल न जाएँ।/ स्कूल के संचालक , प्रिंसिपल को चाहिए की इस पर रोक लगायें /. स्कूल - कॉलेज के अधिकतर बच्चे गाड़ी भी बहुत तेज़ रफ़्तार से चलते हैं/. इस पर भी ट्रैफिक पुलिस को ध्यान देने की आवशयक्ता है/.
जितने नियम बनते हैं उसे तोडा भी बहुत जल्दी जाता है /. गाड़ी चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल न करने की समझाइश भी लोगों को दी गई , पर लोग भी हैं की नियमों का पालन ही नहीं करते /. यदी हम पड़े लिखे होने के बावजूद ऐसा करें तो कैसे चलेगा। बच्चे तो हम ही से सीख लेंगे/.
आइये हम सब मिलकर नियमों का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक वाहन चलाने का निश्चय करें/.
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